March me Makka ki Kheti: आलू की खुदाई करने के बाद किसान कई प्रकार की फसलों की बुवाई करते हैं जिसमें से किसान भाई गन्ना और सब्जियों की खेती करते हैं| किसान भाई चाहे तो उस समय आलू की खुदाई करने के बाद गन्ने की खेती की जगह मक्की की खेती कर सकते हैं| जिससे वह केवल मात्र 90 दिनों के अंदर अच्छा उत्पादन लेकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं| यदि आप आलू की खुदाई फरवरी महीने के लास्ट या फिर मार्च शुरू में कर लेते हैं तो आपको उस समय मक्की की खेती कर सकते हैं|
अगर आप मार्च के महीने में आलू की खुदाई करने के बाद मक्की की खेती करते हैं तो आपको 90 से 95 दिन में मक्के की कुछ वैरायटी पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है जिसे आप बेच सकते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं| मक्के की डिमांड बाजार में हमेशा बनी रहती हैं| जिसका किसान भाई लाभ उठा सकते हैं और इसकी खेती कर सकते हैं|
मार्च में मक्के की खेती कैसे करें?(March me Makka ki Kheti Kaise Karen)
किसान भाई यदि आलू की खुदाई करने के बाद मक्के की खेती मार्च के महीने में करते हैं तो उन्हें अधिक लाभ मिलता है| किसानों को मक्के की खेती मार्च में करने से पहले अच्छी बीज का चुनाव करना चाहिए| जिससे कि उत्पादन अच्छा हो सके और उसे अच्छे रेट पर बेच पाए| नीचे मक्के की मार्च में खेती के बारे में पूर्ण जानकारी दी गई है जिसे आप पढ़ सकते हैं और मक्के की खेती की शुरुआत कर सकते हैं|
कम सिंचाई की आवश्यकता
मक्के की खेती में किसानों को बहुत ही कम सिंचाई करने की भी जरूरत होती है| जिससे किसानों की लागत बहुत ही कम हो जाती है| इसके अलावा मक्के की खेत में किसानों को खाद डालने की भी जरूरत नहीं पड़ती है बस गोबर की खाद डाल सकते हैं और अच्छी उपज ले सकते हैं| इसकी खेती किसान भाई बलुइ दोमट मिट्टी में भी आसानी से कर सकते हैं| यदि आप कम सिचाई वाले फसल की बुवाई करना चाहते हैं तो आपको मक्के की बुवाई जरूर करनी चाहिए|
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मार्च में मक्के की खेती में इन बातों का ध्यान रखें
यदि किसान भाई मार्च के महीने में मक्के की खेती करना शुरू कर रहे हैं तो आलू की खुदाई करने के बाद खेत को अच्छे से दो से तीन बार जूताई करके और अच्छे से तैयार कर ले| जिससे की मिट्टी भुरभरी हो जाए| इसके अलावा किसान भाई मक्के की बुवाई से पहले खेतों में जुताई करते समय गोबर की सड़ी हुई खाद और वर्मी कंपोस्ट की खाद को भी मिलकर खेतों में फैला दें और पाटा लगाकर समतल कर ले| इस प्रकार खेत की भी तैयारी हो जाती है जिससे किसानों को अधिक उत्पादन मिलता है|
केवल 90 दिन में होगा मक्के से अधिक उत्पादन
किसान भाई खेतों में मक्के की बुवाई से पहले अच्छी बीज का चयन करें जिससे कि मक्का जल्दी पक कर तैयार हो जाए और बेहतरीन क्वालिटी का भी हो| जिससे मार्केट में इसका रेट भी अधिक मिल पाए| यदि आप फरवरी महीने की लास्ट या मार्च की शुरुआत में मक्के की खेती कर रहे हैं तो आप जवाहर मक्का 216 मक्के की किस्म को अपने खेतों में बुवाई कर सकते हैं| जिससे आपको अधिक उत्पादन मिलता है| इस किस्म की मक्के का उत्पादन 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाता है| इसके अलावा यह मक्का की वैरायटी हेलियोथोस्पोरियम पत्ती धब्बा रोग की प्रति सहनशील भी है|
मक्के की बुवाई करने से पहले यह काम करें
यदि किसान भाई मक्के की बुवाई मार्च में शुरुआत में कर रहे हैं तो किसान अच्छी बीज का चुनाव करना चाहिए| इसके साथ ही किसानों को बीज का उपचार भी जरूर कर लेना चाहिए| जिससे कि मक्की का अंकुरण अच्छा होता है और उसमें किसी भी प्रकार के कीड़े नहीं लगते हैं|
मक्के की उपचार के लिए किसान भाई कार्बेंडाजिम या फिर थीरम बीज के उपचार के लिए उपयोग कर सकते हैं| इसके अलावा मार्केट में और भी कई प्रकार की बीज उपचार की दवा मिल जाएगी| जिसका उपयोग किस भाई कर सकते हैं|
मक्के की बुवाई करने के बाद इन बातों का ध्यान रखें
मक्के की बुवाई करने के बाद किसान भाई खरपतवार का नियंत्रण, सिंचाई और किट का भी ध्यान रखें| जिससे की फसल की पैदावार अच्छी हो पाए| यदि आप फरवरी महीने के अंत में या मार्च में शुरुआत में मक्के की खेती कर रहे हैं तो आप इन बातों का ध्यान रखें कि खेतों में खरपतवार ना उगने पाए और जो भी खरपतवार के खेत उगे उसे निराई गुड़ाई करके खेत बाहर निकाल दे| जिससे की फसल की विकास तेजी से हो सके|
इन सब के अलावा किसान भाइयों को यह ध्यान रखना चाहिए कि मक्के में विभिन्न प्रकार के किट भी लगते हैं जो पत्तियों को खा जाते हैं| उसके नियंत्रण के लिए भी किसानों को मार्केट में कई प्रकार की दवाई मिल जाएगी| जिसका उपयोग किसान भाई अपने मक्के की खेत में फसलों के ऊपर छिड़काव कर सकते हैं| जिससे कीटों से फसलों को बचा सकते हैं|
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मक्के की फसल में सिंचाई
मार्च महीने में मक्के की खेती में सिंचाई करने की ज्यादा जरूरत नहीं होती है| मक्के में सिंचाई की बहुत ही कम जरूरत होती है| इसलिए किसान भाई आप इस समय सिंचाई 15 दिन की अंतराल पर खेतों में कर सकते हैं| जिससे मक्का की विकास पौधे की विकास तेजी से होती रहती है और इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जब मक्के के फूल बन रहे हो और उसमें दाने भर रहे हैं तब सिंचाई जरूर करनी चाहिए जिससे कि मक्के के दाने अच्छे से भर जाते हैं और उनसे पैदावार अच्छी होती है|
निष्कर्ष
यदि किसान भाई फरवरी में आलू की खुदाई कर लेते हैं और किसी अच्छे फसल की बुवाई करना चाहते हैं जिससे कि वह कम दिन में अच्छा मुनाफा कमा सके तो उन्हें मक्के की बुवाई करनी चाहिए| जिससे केवल 90 से 95 दिनों के अंदर ही मक्के की अधिक पैदावार लेकर अच्छा मुनाफा का मुनाफा कमा सकते हैं| खास बात यह है कि इन मक्के की फसल में आपको ज्यादा सिंचाई और खाद की भी जरूरत नहीं होती है और बहुत ही कम समय में आप अच्छा मुनाफा भी कमा लेते हैं|