Ganne ki Buvai Kaise Karen: गन्ने की बुवाई में ये गलतियां न करें, वरना होगा भारी नुकसान!

Ganne ki Buvai: किसान भाई सरसों की कटाई के बाद गन्ने की बुवाई करना शुरू कर देते हैं| मुख्य रूप से गन्ने की बुवाई ज्यादातर किसान फरवरी के महीने में शुरू कर देते हैं क्योंकि इस समय तापमान में बढ़ोतरी होने लगती है और बसंत कालीन गन्ने की बुवाई इस समय यदि की जाती है तो पैदावार भी अच्छी मिलता है और जमाव भी अच्छा होता है| किसानों को ध्यान देने वाली बात यह है कि बीज को तैयार करते समय उन्हें कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए|

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अगर किसान अच्छी क्वालिटी का बीज तैयार करके अगर गन्ने की बुवाई करेंगे तो उन्हें अधिक उत्पादन मिलेगा| गन्ने की फसल भारत के कई राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार राज्यों में इसकी खेती की जाती है और हर जगह किसान अलग-अलग तरीके से गन्ने की बुवाई करते हैं| जो भी किसान फरवरी के महीने में गन्ने की बुवाई करने की सोच रहे हैं उन्हें कुछ बातों का ध्यान जरूर देना चाहिए| उन्हें अच्छी क्वालिटी का बीच का चुनाव करना चाहिए जिससे उन्हें अधिक उत्पादन मिल सके|

गन्ने की बुवाई में बरतें ये सावधानियाँ(Ganne ki Buvai Kaise Karen)

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के एक आधिकारी डॉक्टर संजीव कुमार पाठक द्वारा बताया गया है कि जो भी किसान बसंत कालीन गन्ने की बुवाई कर रहे हैं उन्हें गन्ने की बुवाई करने से पहले गन्ने की अच्छी क्वालिटी का बीज इस्तेमाल करना चाहिए और बीज को तैयार करते समय यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि गन्ने के जिस भाग की भी बुवाई के लिए चुनते हैं वह स्वस्थ होनी चाहिए|

उसमें किसी भी प्रकार के रोग या फिर किट नहीं लगा होन चाहिए नहीं तो इससे गन्ने का जमाव नहीं होगा और किसान को इससे नुकसान हो सकता है| इसके साथ ही उन्हें खेत की जुताई का भी ध्यान रखना होगा और उसमें उर्वरकों का भी ध्यान रखना होगा|

गन्ने का बीज तैयार कैसे करें?

गन्ने की बुवाई से पहले किसानों को यह ध्यान देना बहुत ही जरूरी है कि उन्हें गन्ने के बीज की तैयारी भी अच्छे से करनी होगी जिससे कि गन्ने का जमाव अच्छा हो| इसके लिए कुछ जरूरी प्रक्रिया का पालन किसानों को करना चाहिए| किसानों को बीज तैयार करने के लिए हमेशा स्वस्थ बीज का ही चुनाव करना चाहिए जो जिसमे की किसी भी प्रकार के कीट या फिर रोग ना लगे हो|

गन्ने की बीज का चुनाव करते समय किसानों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वह सभी लाल सडन रोग से ग्रसित ना हो| गन्ने की अच्छी वैरायटी बीज के लिए किसानों को को. शा.13235, 13201, 17231, 18231, 16202 इन किस्म की किसान बुवाई कर सकते हैं क्योंकि यह सभी लाल सड़न रोग के प्रति सहनशील है| किसान भाई CO-0238 की बुवाई खेतों में ना करें क्योंकि यह लाल सड़न रोग से अधिक प्रभावित होता है|

इसके अलावा किसानों को गन्ने के बीज की कटाई करते समय यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि गन्ने के ऊपरी दो तिहाई हिस्से का ही बीज के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए बाकी के गन्ने को किसान बेच सकते हैं| गन्ना के बीच की कटाई करते समय अगर उसमें कोई रोग या फिर कीड़े लगे हो तो उसको काट कर निकाल देना चाहिए जिससे कि वह गन्ना खेत में बुवाई के लिए ना जा पाए|

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गन्ने के बीज का उपचार कैसे करे?

गन्ने की बुवाई से पहले बीजों का उपचारित करना भी बहुत जरूरी होता है|  गन्ने के बीज का उपचार किसान भाई को खेत में गन्ने की बुवाई से पहले कर लेना चाहिए| जिसके लिए किसान भाई फंगीसाइड और इंसेंटिसाइड इन दोनों से गन्ने के बीज का उपचार कर सकते हैं| जिससे कि गन्ने की बुवाई के बाद में इसमें किसी भी प्रकार का कोई रोग न लगने पाए|

किसान भाई गन्ने के बीज का उपचार करने के लिए 100 लीटर पानी में 250 ग्राम कार्बेन्डाजिम मिलाकर घोल बना ले और उसमें गन्ने के सभी टुकड़े को डालकर उसे 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दे और बाद में निकाल कर आप इसकी बुवाई कर सकते हैं|

गन्ने के बीज की बुवाई से पहले खेत की ऐसी तैयारी करें(Ganna bone ke liye khet ki taiyari kaise karen)

गन्ने के बीज की बुवाई करने से पहले किसानों को खेत तैयारी कर लेनी चाहिए| जिसके लिए उन्हें सबसे पहले हैरो से खेत की गहरी जुताई कर लेनी चाहिए| इसके बाद से कल्टीवेटर से दो-तीन बार जुताई कर लें और गन्ने की अंतिम जुताई के समय खेतों में 4 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति एकड़ की दर से खेतों में डाल दें जिससे कि गन्ने में बाद में लाल सडन फंगस रोग से गन्ना बचा रहे| इसके बाद किसान गन्ने की बुवाई कर सकते हैं|

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गन्ने के बीज की बुवाई कैसे करें?(Ganne ki Buvai ki Vidhi)

गन्ने के बीज की बुवाई करने के लिए किसानों को ट्रेंच विधि का उपयोग करना चाहिए इससे उन्हें अधिक उत्पादन मिलता है| गन्ने की बुवाई से पहले किसानों को खेतों में ट्रेंच विधि के द्वारा नाली बनाने के लिए एक फीट चौड़ी तथा 20 से 25 सेंटीमीटर गहरी नाली बनानी चाहिए और उसमें दो आंख वाले गन्ने के  टुकड़े की बुवाई करनी चाहिए| किसान चाहे तो एक आंख के गन्ने के टुकड़े की बुवाई कर सकते हैं|

निष्कर्ष

यदि किसान भाई गन्ने की बसंतकालीन बुवाई करने जा रहे हैं तो उन्हें ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखना चाहिए और उसी हिसाब से गन्ने की बुवाई करनी चाहिए| जिससे कि उन्हें कम लागत लगे और अधिक पैदावार मिल सके और गाने में किसी भी प्रकार की किट या फिर रोग ना लगने पाए|

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