Kaddu ki Kheti ki Jankari: कद्दू भारत में खाए जाने वाली प्रमुख सब्जियों में से एक है जिसे अलग-अलग जगह पर काशीफल, सीताफल, कुकुम्हड़ा आदि नाम से जाना जाता है| भारत में कद्दू की खेती बहुत ही प्राचीन समय से होती चली आ रही है| कद्दू की सब्जी बहुत ही ज्यादा लोगों को पसंद होती है| इसके कच्चे और पक्के दोनों तरह से सब्जी बनाई जाती है| पके हुए कद्दू को लोग खाना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि यह थोड़ा मीठा होता है| इससे विभिन्न प्रकार के मिठाइयां भी बनाई जाती हैं|
कद्दू की खेती करना किसानों के लिए लाभदायक हो सकता है क्योंकि इसकी खेती में ना ही ज्यादे देखरेख की जरूरत होती है और ना ही ज्यादा खाद और कीटनाशक की जरूरत होती है| यह बहुत ही कम लागत में तैयार हो जाने वाली फसल है| जिसकी खेती किसान भाई कर सकते हैं और अच्छा पैसा कमा सकते हैं| यदि आप कद्दू की खेती करके अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपकी हेल्प करने वाला है|
इस आर्टिकल के माध्यम से आप जान पाएंगे कि कद्दू की खेती कैसे करें? कद्दू की बुवाई का सही समय क्या है तथा कद्दू की खेती में कौन सी खाद डालनी चाहिए और कद्दू की टॉप वैरायटी कौन सी है? जो आप अपने खेतों में लगा सकते हैं| तो चलिए जानते हैं कद्दू की खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी विस्तार से|
कद्दू की खेती कब और कैसे करें(Kaddu ki kheti kab aur kaise karen)
कद्दू की पके हुए फलों को लोग ज्यादा लंबे समय तक रखते हैं| जिसे बाद में इसकी सब्जी बनाकर खा सके| इसकी सब्जी में बहुत ही अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं| गर्मियों की सीजन में कद्दू को लोग ज्यादा खाना पसंद करते हैं| इसकी खेती की जानकारी नीचे दी जा रही है जिसे पढ़कर आप कद्दू की खेती कर सकते हैं और अच्छा पैसा कमा सकते हैं|
कद्दू की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मौसम
कद्दू की खेती के लिए गर्म जलवायु सबसे अच्छा होता है| जहां पर तापमान 24 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड ठंडियों के समय रहता है वहां पर इसकी खेती बहुत ही अच्छे तरीके से की जा सकती हैं| इसके अलावा गर्मियों के दिनों में भी इसकी खेती बहुत ही ज्यादा क्षेत्र में की जाती है| गर्मियों के समय में भी इसका उत्पादन बहुत ही अच्छा होता है| बरसात के समय में इसका उत्पादन थोड़ा कम होता है| इसलिए आप इसकी खेती या तो सर्दी के मौसम में या गर्मी के मौसम में ही करें जिससे अधिक उत्पादन हो और आप अच्छा मुनाफा कमा सकें|
कद्दू की खेती के लिए मिट्टी का चयन
कद्दू की खेती समान्यत्या सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है लेकिन इसके लिए सबसे अच्छी मिट्टी बलुई दोमट मिट्टी या फिर दोमट मिट्टी अच्छी होती है जिसमे जीवाश्म की पर्याप्त मात्रा हो| इसके साथ ही यह भी ध्यान देना चाहिए कि जिस भी जमीन में आप इसकी खेती कर रहे हैं वहां पर जल निकास की भी व्यवस्था अच्छी हो क्योंकि अगर जल खेत में रुकेगा तो कद्दू सड़ सकते हैं इसलिए कद्दू की खेती करते समय जल निकास की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए| कद्दू की खेती के लिए 6 से 7.2 पीएच मान वाली भूमि सबसे अच्छी मानी जाती है|
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कद्दू की खेती के लिए उन्नत किस्में(Kaddu ki Variety)
कद्दू की खेती के लिए कद्दू की उन्नत बीज का होना भी बहुत जरूरी है| उत्पादन कद्दू के बीज पर भी निर्भर करता है| यदि कद्दू का किस्म अच्छा नहीं होगा तो उत्पादन बहुत ही कम होता है और किसान को नुकसान भी हो सकता है| इसलिए हमेशा अच्छी प्रजाति की बीजों का ही चुनाव करना चाहिए जो की अच्छी पैदावार दें| कद्दू की कुछ उन्नत प्रजातियों की लिस्ट नीचे दी गई है जिन्हें आप अपने खेत में लगा सकते हैं|
VNR 11कद्दू
VNR की यह कद्दू हरे रंग का होता है तथा यह पकने पर नारंगी पीले रंग का हो जाता है| इसका आकार अंडाकार होता है तथा इसके एक फल का वचन 8 से 10 किलोग्राम के बीच होता है| बुवाई से 100 से 110 दिन के बाद इसकी तुड़ाई आप कर सकते हैं|
माही 1 कद्दू
कद्दू की यह वैरायटी भी खेतों में लगाने के लिए बहुत ही अच्छी है| इसकी बुवाई आप पंक्ति से पंक्ति की दुरी 6 से 8 फीट रखकर कर सकते हैं| यह अच्छी उपाय देने वाली किस्मों में से एक है जिसे आप अपने खेत में लगा सकते हैं|
Clause 1076 कद्दू
यह कद्दू भी खेतों में लगाने के लिए अच्छी है जिसकी बुवाई आप खरीफ तथा ग्रीष्म ऋतु में कर सकते हैं| इसकी बुवाई आप पंक्ति से पंक्ति की दूरी 6 फीट तथा पौधे से पौधे की दूरी 1.5 मीटर रखकर कर सकते है|
कद्दू बुवाई का समय(Kaddu ki kheti kab kare)
कद्दू की बुवाई आमतौर पर उत्तर भारत में मुख्य रूप से दो बार की जाती है| इसकी पहली बुवाई मुख्य रूप से फरवरी मार्च के महीने में की जाती है तथा दूसरी बुवाई दिसंबर और जनवरी के महीने में की जाती है| इसके अलावा आप चाहे तो बरसात की सीजन जून जुलाई में भी इसकी बुवाई कर सकते हैं| लेकिन अगर आपको अच्छी पैदावार चाहिए तो आपको फरवरी मार्च की महीने में या फिर दिसंबर के महीने में इसकी बुवाई करनी चाहिए जिससे पैदावार अच्छी होती है|
कद्दू की बुवाई के लिए बीज की मात्रा
कद्दू की बुवाई के लिए एक हेक्टेयर में 3 से 5 किलो बीज की जरूरत पड़ती है| आमतौर पर 100 ग्राम बीज में लगभग 600 बीज होते हैं और आप इसकी बुवाई करते समय एक स्थान पर दो से तीन बीजों को डालना होता है| इस हिसाब से इसके बीज की मात्रा अधिक लगती है|
कद्दू की खेती के लिए बुवाई का तरीका
आमतौर पर कद्दू की खेती लोग लाइन में करते हैं जो की सही भी रहता है| आपको इसकी बुवाई कतार से कतार की दूरी 3 मीटर रखकर करनी चाहिए तथा पौधे से पौधे की दूरी डेढ़ मीटर रखकर करनी चाहिए| कद्दू की बुवाई करते समय यह भी ध्यान रखें की एक जगह पर कम से कम दो बीज जरूर डालें|
कद्दू की खेती के लिए खेत की तैयारी
कद्दू की खेती के लिए खेत की तैयारी करना भी बहुत जरूरी होता है जिसके लिए आप से पहले खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई कर ले| इसके लिए आप रोटावेटर या फिर कल्टीवेटर का उपयोग कर सकते हैं| जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए| इसके बाद आप इसमें पाटा लगाकर समतल कर ले| समतल करने के बाद आप खेत में 20 से 30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की सड़ी हुई खाद को और फिर कम्पोस्टप को खेत में फैला दें| इसके बाद से फिर से एक बार जूताई करके और पाटा लगाकर समतल कर ले| इस प्रकार आपकी खेत की तैयारी हो जाती है|
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कद्दू की खेती में खाद और उर्वरक
Kaddu ki kheti में अच्छा पैदावार लेने के लिए खाद और उर्वरक पड़ती है लेकिन बहुत ही कम जरूरत पड़ती है| कद्दू की फसल में रासायनिक खाद डालने से बचना चाहिए| यह प्रयास करें कि कद्दू की खेती में जैविक खाद डालें| इसके लिए आप गोबर की अच्छी साड़ी हुई खाद 8 से 10 टन प्रति एकड़ की दर से खेत में मिला देना चाहिए| आप चाहे तो इसमें वर्मी कंपोस्ट भी मिला सकते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं|
कद्दू की फसल में सिंचाई की व्यवस्था
कद्दू की फसल में सिंचाई की व्यवस्था करना भी बहुत जरूरी होता है| खेत में पौधे की ग्रोथ के लिए पर्याप्त नमी का होना बहुत जरूरी होता है| इसकी अंकुरण हो जाने के बाद एक बार सिंचाई कर दें| उसके बाद से आप दूसरी सिचाई पहली सिंचाई के 6 से 7 दिनों बाद एक बार फिर कर देनी चाहिए| इसके बाद आप 8 से 10 दिन के अन्तराल पर कद्दू की खेती में सिंचाई करते रहें| सिचाई करते समय यह भी ध्यान रखें की खेत में ज्यादा पानी न लगे जिससे कि कद्दू सड़े नहीं|
कद्दू की खेती में खरपतवार का नियंत्रण
Kaddu ki kheti में का खरपतवार का नियंत्रण करना भी जरूरी होता है| इसलिए आपको कद्दू की खेती में निराई गुड़ाई समय समय पर करते रहना चाहिए जिससे कि खेत में खरपतवार ना हो| इसके लिए आप खुरपी और फावड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं| अगर आप खेत में खरपतवार का नियंत्रण अच्छे से करेंगे तो आपकी फसल की पैदावार अच्छी होगी|
कद्दू की फसल में किट का नियंत्रण
कद्दू की फसल में मुख्य रूप से माहू या ऐफिड, फल मक्खी रेड पम्पकिन बीटल जैसे कीड़े खेत में लगते हैं| आपको इसके नियन्त्रण के लिए नीम के तेल का स्प्रे कद्दू की फसल में करना चाहिए| इससे सभी प्रकार के किट मर जाते हैं|
कद्दू की तुड़ाई
कद्दू की फसल में समय-समय पर कद्दू की तुड़ाई करना भी बहुत जरूरी होता है| कद्दू की बुवाई से 65 से 90 दिन के बाद आप इसके फलों की तुड़ाई कर सकते हैं| इसके फलों की तुड़ाई चाकू से करना चाहिए जिससे कि पौधों को कोई भी हानि न पहुंचे| जब कद्दू के फल थोड़े पीले होना शुरू हो जाए तो आप इसकी तुड़ाई कर सकते हैं| आप चाहे तो इसे भी छोड़ सकते हैं और बाद में इसकी तुड़ाई पक जाने पर कर सकते हैं|
कद्दू की पैदावार
आमतौर पर कद्दू की पैदावार अच्छी होती है| इसकी औसत पैदावार 500 से 700 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| यदि इसकी देखरेख अच्छे से की जाए तो इससे अधिक पैदावार भी हो सकती हैं|
निष्कर्ष-
किसान भाई कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो उन्हें कद्दू की खेती(Kaddu ki kheti) करना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही कम लागत में हो जाने वाली फसल है| जिसको किसान भाई अपने खेत में लगा सकते हैं| किसी भी प्रकार की खेती योजनाओं कृषि यंत्र से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप कमेंट में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं|
FAQ
Q1-कद्दू के लिए कौन सी मिट्टी अच्छी होती है?
उत्तर- बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी होती है जिसका पीएच मान 5 से 7 के बीच हो|
Q2-कद्दू की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
उत्तर-कद्दू की सबसे अच्छी किस्म में काशी हरित, VNR 11 मुख्य रूप से शामिल है|
Q3-कद्दू को तैयार होने में कितना समय लगता है?
उत्तर-आमतौर पर कद्दू 70 से 100 दिनों के बीच फल देना शुरू कर देते हैं|
Q4-एक हेक्टेयर में कद्दू का उत्पादन कितना होता है?
उत्तर-एक हेक्टेयर भूमि में कद्दू की उत्पादन 300 से 700 कुंतल हो सकता है|