Mushroom ki Kheti: से लाखों की कमाई, जाने शुरुआत कैसे करें!

Mushroom ki Kheti ki Jankari:  मशरूम की खेती करना किसान भाइयों के लिए एक अच्छा मुनाफे का सौदा हो सकता है| मशरूम की खेती करके किसान लाखों रुपए बहुत ही कम समय में कमा सकते हैं| मशरूम पूरे भारत में उगाया जाता है तथा इसको पूरे भारत में लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है| मशरूम से विभिन्न प्रकार की व्यंजन बनाए जाते हैं इसलिए इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है| किसान भाई इसका लाभ उठाकर मशरूम की खेती कर सकते हैं और अच्छे पैसे कमा सकते हैं|

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अगर आप मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही हेल्प करने वाला है| आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि मशरूम की खेती कैसे कर सकते हैं? इसके लिए क्या-क्या खाद की जरूरत होती है तथा इसका उत्पादन कितना होता है तथा इसकी खेती कब करनी चाहिए? तो चलिए जानते हैं मशरूम की खेती कैसे करनी चाहिए इसकी संपूर्ण जानकारी|

मशरूम की खेती कब और कैसे करें?(Mushroom ki Kheti kab aur Kaise karen)

मशरूम की खेती पूरे भारत में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मुख्य तौर पर किया जाता है| यह एक ऐसी सब्जी की खेती है जिसमें आपको बस देखरेख की जरूरत पड़ती है और इससे आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं|

मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण

मशरूम की खेती करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है| मशरूम की खेती के प्रशिक्षण के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं| जहां पर आपको निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है| जिसके लिए आपको केवल ₹50 का रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होता है|

मशरूम की खेती का समय(Mushroom ki kheti ka Samay)

मशरूम की खेती का समय जुलाई से अक्टूबर तथा फरवरी महीने से अप्रैल महीने के बीच में होता है| क्योंकि इस समय इसकी पैदावार भी अच्छी होती है और लोग इस समय खाना भी ज्यादा पसंद करते हैं| इसलिए आपको मशरूम की खेती इन महीना के बीच में करनी चाहिए| जिससे आप कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सके|

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मशरूम की खेती के लिए तैयारी

मशरूम की खेती के लिए आपको गेहूं के भूसे को बोरे में भरकर रात भर पानी से भीगोना होना होता है| इसके बाद उसे सुबह बोरे को बाहर निकाल कर उस पानी को अलग कर दिया जाता है| जब भूसे में लगभग 70% नामी अर्थात पानी रह जाए तब यह मशरूम की बिजाई के लिए तैयार हो जाता है|

मशरूम की बुवाई

मशरूम की बुवाई करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि मशरूम के लिए तापमान बीजाई करते समय  28 से 32 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच में होना चाहिए|

भारत में उगाई जाने वाली मशरूम की टॉप वैरायटी(Mushroom ki Top Varities)

पूरे विश्व में मशरूम की लगभग 10000 प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें से 70 प्रजातियां ही खेती के लिए अच्छी होती हैं| भारत में मुख्य रूप से पांच प्रकार के मशरूम की खेती की जाती है जिसकी जानकारी नीचे दी गई है|

  1. दूधिया मशरूम
  2. सफेद बटन मशरूम
  3. ढींगरी (ऑयस्टर) मशरुम
  4. शिटाके मशरुम
  5. पैडीस्ट्रा मशरुम
  • सफेद बटन मशरूम(Button Mushroom)

भारत में सफेद बटन मशरूम की खेती बहुत ही ज्यादा क्षेत्र पर की जाती है| इसकी खेती कम तापमान वाले स्थान पर की जाती है| इस मशरूम की खेती के लिए 22 से 26 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है और यह बहुत ही जल्दी विकसित होता है| आप इसकी खेती हवादार कमरे, झोपड़ी या फिर शेड बनाकर कर सकते हैं|

  • ढींगरी (ऑयस्टर) मशरुम

इस मशरूम की खेती पूरे साल भर की जाती सकती है| इसके लिए सबसे अच्छा तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच होता है| इस मशरूम को उगाने के लिए आप गेहूं या फिर धान के भूसे का इस्तेमाल कर सकते हैं| यह मशरूम मुख्य रूप से ढाई महीने से 3 महीने में तैयार हो जाते है और इसका उत्पादन अब ज्यादातर जगहों पर किया जा रहा है|

  • दुधिया मशरूम

भारत में दुधिया मशरूम की खेती भी बहुत ही प्रचलित हो रही है| इसकी खेती मुख्य रूप से ग्रीष्मकाल में की जाती है| इस मशरूम की खेती मुख्य रूप से 1976 ईस्वी में पश्चिम बंगाल में पहली बार हुई थी| आज के समय में इस मशरूम की खेती लोग ज्यादा कर रहे हैं|

  • पैडीस्ट्रा मशरूम

यह मशरूम भी भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख मशरूम की वैरायटी में से एक है| जिसे गर्म मशरूम के रूप में भी जाना जाता है| यह मशरूम स्वाद में अच्छा तथा कोमल होता है और यह डेढ़ से 2 महीने के अंदर तैयार हो जाता है| इसके लिए 28 से 35 डिग्री का तापमान अनुकूल होता है| इसकी खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्य में किया जाता है|

  • शिटाके मशरूम

यह मशरूम भी एक बहुत ही अच्छी तथा भारत में खाई जाने वाली प्रमुख मशरूम की वैरायटी में से एक है जिसे आप उगा सकते हैं| यह बटन मशरूम से भी अधिक स्वादिष्ट और प्रोटीन युक्त होता है| इसके उत्पादन के लिए खेती के लिए 15 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान जरूरी होता है तथा इसका उत्पादन अक्टूबर महीने से लेकर मार्च महीने के बीच में किया जाता है|

मशरूम का भंडारण

मशरूम जल्द ही खराब हो जाने वाली सब्जियों में से एक है| मशरूम जल्दी से खराब हो होता है और इसकी वृद्धि भी जल्दी ही होती है तो आपको इसका भंडारण करना भी बहुत ही जरूरी हो जाता है| इसलिए आप इसका भंडारण अच्छे तरीके से करें| आप इसकी भंडारण नमी वाले जगह पर रखकर कर सकते हैं जिससे यह खराब होने से बच सकता है|

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मशरूम के बीज को रखने के लिए सावधानियाँ

मशरूम का बीज लगभग 40 सेंटीग्रेड तापमान या इससे अधिक तापमान होने पर खराब हो जाते हैं और  इससे बदबू भी आने लगती है| इसलिए आपको गर्मियों के समय में इसके बीज रात्रि के समय में लेकर आना चाहिए और इसे रेफ्रिजरेटर में रखना चाहिए जिससे कि यह खराब ना हो|

मशरूम की तुड़ाई

मशरूम की बिजाई करने के 15 दिन बाद आपको कंपोस्ट खाद के ऊपर मशरूम की छोटी-छोटी तने दिखाई देने लगते हैं| इसके बाद से यहां चार से पांच दिनों के बाद एक जल्दी से विकसित होकर छोटे-छोटे बटन मशरूम के रूप में परिवर्तित हो जाता है| जब बटन मशरूम का आकार 4 से 5 सेंटीमीटर हो जाए तो आप इसे तोड़ सकते हैं|

मशरूम का उत्पादन

एक भूसे के बोरे से लगभग डेढ़ से 2 किलो मशरूम का उत्पादन हो जाता है| मशरूम की खेती में एक बैग में खाद और बीज की कुल लागत 100 रुपए तक आ जाता है| यदि किसान 250 बोरे लगाता है तो उस हिसाब से इसकी लागत ₹25000 आएगी तथा इसका उत्पादन 400 किलो मशरूम होगा|

निष्कर्ष

यदि किसान भाई कम समय में अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो मशरूम की खेती(Mushroom ki kheti) उनके लिए लाभदायक हो सकता है क्योंकि यह बहुत ही कम समय में हो जाता है| इसमें लागत थोड़ी ज्यादा लगती है लेकिन अच्छी देख रही तो इसकी पैदावार भी अच्छी होती है और इसका रेट भी अच्छा मिलता है| जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं| किसी भी प्रकार की खेती से संबंधित जानकारी पाने के लिए आप Farmer Tak से जुड़ सकते हैं|

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