Paramparagat Krishi Vikas Yojana: परंपरागत कृषि विकास योजना से मिलेंगे 50000 रुपए जाने कैसे?

Paramparagat Krishi Vikas Yojana: कृषि के क्षेत्र में सुधार करने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुवात की गयी जिसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था| यह योजना कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय मिशन की तहत मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बनाए रखने के लिए शुरू की गयी| आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है? और आप इसका कैसे लाभ ले सकते हैं? इसका क्या उद्देश्य है तथा इसमें आवेदन करने के लिए क्या-क्या जरूरी दस्तावेज लगेंगे? इन सभी के बारे में आज जानने वाले हैं तो चलिए जानते हैं परंपरागत कृषि विकास योजना के बारे में|

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परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है?(Paramparagat Krishi Vikas Yojana Kya hai)

परंपरागत कृषि विकास योजना की मदद से सरकार का लक्ष्य कृषि के क्षेत्र में युवकों को कृषि के लिए प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना है| यह जैविक खेती को बढ़ावा देता है| इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में आर्थिक सहायता प्रदान करेगी| इस योजना के तहत हिमालय वाले राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 है जबकि जो केंद्र शासित प्रदेश हैं उनके लिए या अनुपात 100% है|

सरकार का यह लक्ष्य है कि 2025-26 तक लगभग 6 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में लोग जैविक खेती को अपना सके| इसके लिए सरकार भारतीय कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञ द्वारा बहुत ही अलग-अलग प्रकार से शोध भी करवा रही है जिससे किसानों की मदद हो सके|

परंपरागत कृषि विकास योजना के मुख्य उद्देश्य

इस योजना के कुछ प्रमुख है जिसकी जानकारी नीचे दिए गए हैं|

  • जैविक खेती को अपनाना:

सरकारी यह चाह रही है कि लोग जैविक खेती को बढ़ावा दे और रासयनिक उर्वरकों का कम इस्तेमाल करें| जिससे मिट्टी की स्वास्थ्य में सुधार हो और अच्छी उपज भी हो| यह किसानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है जिसे किसानो को अपनाना चाहिए|

  • रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल नहीं करना या बहुत ही कम इस्तेमाल करना:

सरकार इस योजना के तहत यह प्रयास कर रही है कि रासायनिक उर्वरकों पर किसानों के निर्भरता कम हो जाए| जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारा जा सके और उपज भी अच्छी हो|

  • फसलों की पैदावार में वृद्धि करना:

इस योजना के तहत सरकार यह चाहती है कि जैविक खेती को बढ़ावा दें और उससे अधिक उपज प्राप्त करें|

  • मिट्टी मृदा स्वास्थ्य में सुधार करना:

इस योजना के तहत सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देकर यह प्रयास कर रही है की मिट्टी के स्वास्थ्य अच्छी हो जाए|

  • किसान की आय में वृद्धि

रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से किसान की खेती में लागत ज्यादा होती है| जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है| यदि वे जैविक खेती को अपनाते हैं तो इससे उनकी लागत कम हो जाएगी और उनकी आय में भी वृद्धि होगी|

  • पर्यावरण का संरक्षण

रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से पर्यावरण को बहुत ही अधिक नुकसान पहुंचता है खासकर मिट्टी को बहुत ही ज्यादा नुकसान होता है| इसलिए सरकार यह प्रयास कर रही है कि लोग जैविक खेती को अपनाये और रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल कम करें जिससे पर्यावरण का संरक्षण हो सके|

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परंपरागत कृषि विकास योजना में कितनी धनराशि मिलती है?  :

परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 3 साल के लिए ₹50000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है| इस योजना के तहत आपको 31000 रुपए प्रति हेक्टेयर के दर से कीटनाशक, वार्मिं कंपोस्ट और जैविक उर्वरक जैसे सामानों और बीज को खरीदने के लिए धनराशि दी जाती है| इसके अलावा जैविक इनपुट खरीदने के लिए आपको 7500 रुपए दी जाती है|

  • परंपरागत कृषि विकास योजना के लिए जरूरी पात्रता
  • योजना के लिए किसानों को अपनी योग्यता बतानी होगी जिसकी जानकारी नीचे दी गई है|
  • इस योजना में भाग लेने के लिए सभी किसान और संस्थाएं इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है|
  • यह योजना 2 हेक्टेयर या 2 हेक्टेयर से कम भूमि धारक वाले किसान के लिए है जो कि इस योजना में आवेदन कर सकते हैं|
  • कोई भी किसान जिसके पास 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन है वह इस योजना में आवेदन नहीं कर सकता है|

परंपरागत कृषि विकास योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Paramparagat Krishi Vikas Yojana ke liye Document)

परंपरागत कृषि विकास योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेज देने की जरूरत पड़ती है जिसकी जानकारी नीचे दी गई है|

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक का फोटो कॉपी
  • फोटो
  • जाति प्रमाण पत्र
  • भूमिका दस्तावेज
  • डीपीआर

अलग-अलग राज्य में कुछ अलग डॉक्यूमेंट की भी जरूरत हो सकती है| इसके लिए आप अपने नजदीकी कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं|

परंपरागत कृषि विकास योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

Paramparaagat Krishi Vikaas Yojana में आवेदन करने के लिए कुछ स्टेप्स है जिन्हें आप फॉलो करके इस योजना में आवेदन कर सकते हैं और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं| जिसकी जानकारी नीचे दी गई है|

जो भी किसान इस योजना में आवेदन करना चाहते हैं वे अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर संपर्क कर सकते हैं या फिर PKVY कि ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर भी पंजीकरण करवा सकते हैं|

परंपरागत कृषि विकास योजना के लाभ

  • परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहती हैं|
  • इस योजना के तहत किसानों को डीवीटी के माध्यम से सीधे खाते में धनराशि पहुंचना है|
  • इसके तहत किसानो को 3 साल के लिए प्रति हेक्टेयर ₹50000 सहायता प्रदान की जाएगी|
  • इस योजना में किसान को जैविक खाद कीटनाशक वार्मिक कंपोस्ट खरीदने के लिए 61 प्रतिशत अर्थात 31000 रुपए मिलता है|
  • इसके अलावा किसानों को जैविक इनपुट खरीदने के लिए प्रति हेक्टेयर 7500 रुपए की धनराशि दी जा रही है|

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इस योजना की जरूरत क्यों है

आज के समय में लोग पूर्ण रूप से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भर हो गए हैं जिसके तहत भूमि की उर्वरता शक्ति बहुत ही कम होती जा रही है| इसलिए सरकार द्वारा इस योजना को शुरू किया गया था| लोग आज के समय में ज्यादातर रासायनिक उर्वरक जैसे कि यूरिया, फास्फोरस, पोटाश ही खेतो में डालते रहते हैं और माइक्रोन्यूट्रिएंट खेतों में नहीं डालते हैं जिससे खेतो का बैलेंस बिगड़ जाता है और फसल की पैदावार अच्छी नहीं होती है| इसलिए सरकार द्वारा जैविक खेती जिसे “जीरो बजट खेती” भी कहा जाता है की शुरुआत की गई थी| जिससे किसान जैविक खेती को अपना सके और मिट्टी की स्वास्थ्य को भी ध्यान रख सके|

निष्कर्ष

किसान भाइयों अपने आज के इस लेख में जाना है कि परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) क्या है? इसके क्या-क्या लाभ है और इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं और जैविक खेती को कैसे अपना सकते हैं? खेती-बाड़ी कृषि यंत्र और योजनाओं से जुड़ी सभी जानकारी को पाने के लिए आप Farmer Tak से जुड़े रहे|

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