SS3 Apple Variety: सेब एक ऐसा फल है जिसको भारत के हर एक कोने में लोग खाना पसंद करते हैं| पूरे देश में लगभग 20 प्रकार के किस्म कके सेब की पैदावार होती है| सेब में विभिन्न प्रकार की विटामिन एस मौजूद होते हैं जो की विभिन्न प्रकार के बीमारियों को दूर करते हैं| भारत में सेब की खेती मुख्य रूप से ठंडी जगह पर की जाती है| इसका प्रमुख रूप से उत्पादन करने वाले राज्य जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्य है जहां पर सबसे अधिक सेब की खेती की बागवानी की जाती है|
सेब की खेती में कई प्रकार के किस्म की बुवाई होती है यहां तक की बहुत सारी किस्म की सेब के बीज विदेश से एक्सपोर्ट किया जाता है| भारत के अच्छी क्वालिटी के सेब होते हैं जिसके कारण दूसरे देशों में इसकी मांग बहुत ज्यादा होती है| यदि किसान भाई सेब की बागवानी करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो उन्हें अच्छी सेब की वैरायटी लगानी होगी|
सेब की जो सबसे अच्छी वैरायटी है वह है SS3 जो अधिक पैदावार देती है और मिठास भी इसमें बहुत अधिक होती है| तो चलिए जानते हैं SS3 सेब की वैरायटी के बारे में जिसकी बागवानी किसान कर सकते हैं|
वैसे तो भारत में विभिन्न प्रकार के सेब की वैरायटी है जो की अलग-अलग ऊंचाई पर बोई जाती हैं तथा कुछ कम उत्पादन देती है और कुछ अधिक उत्पादन देती हैं और सेब की मिठास अलग-अलग होती है लेकिन इस समय सबसे अधिक प्रचलित है वह है SS3 सेब की वैरायटी| की बात है| SS3 सेब की वैरायटी के बारे में पूरी जानकारी नीचे दी जा रही है| जिसे पढ़कर आप इसके बारे में और अधिक जान सकते हैं और इसकी बागवानी कर सकते हैं|
SS3 सेब की वैरायटी(SS3 Apple Variety)
SS3 एप्पल वैरायटी की बागवानी करने के लिए बहुत ही अच्छी है| यह बहुत ही अच्छा उत्पादन देती है| यह ss2 वैरायटी से एक सप्ताह बाद इसका कलर आता है मतलब इसका कलर लेट आता है| यह एक सुपर वैरायटी है| यदि किसान सेब के इस वैरायटी की बागवानी में अच्छा खाद और पानी डालते हैं तो इसकी प्रोडक्टिविटी बहुत ही अधिक होती है| यह हल्के लाल रंग की होती है तथा इसका फ्रूट साइज भी मध्यम होता है| सेव की इस वैरायटी की खेती बागवानी किसान 6500 फीट की ऊंचाई पर कर सकते हैं|
SS3 सेब की वैरायटी के लिए सही मिट्टी
SS3 सेब की बागवानी के लिए सही मिट्टी का होना बहुत जरूरी है जिसके लिए किसान अपने खेतों की कार्बनिक पदार्थ की जांच करवा सकते हैं| किसान को ऐसे मिट्टी का चुनाव करना चाहिए जिसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा अच्छी हो मुख्य रूप से दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है|
किसानों को ऐसे मिट्टी में बुवाई करना चाहिए जहां का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच हो| इसके अलावा किसान भाइयों में ध्यान रखें की खेत में पानी निकालना और हवा का आदान-प्रदान प्रदान होना भी बहुत जरूरी है| जिन इलाकों में तेज हवा चलती है वहां पर सब की खेती नहीं करनी चाहिए| सबसे अच्छा ss3 सेब की खेती शुष्क जलवायु वाले क्षेत्र सर्वोत्तम मानी जाती है|
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Scarlet Spur 2 सेब की वैरायटी
इस वैरायटी की बागवानी भी किसान कर सकते हैं| यहां पर बहुत ही अच्छी सेब की वैरायटी है जो कि अधिक उत्पादन देती है| यह एक अमेरिका वैरायटी है| इसकी बागवानी के साथ 4500 से 7000 फीट की ऊंचाई पर कर सकते हैं| इस वैरायटी के सेब का रंग डार्क रेड होता है तथा इसकी तुड़ाई किसान भाई अगस्त से सितंबर महीने के बीच में कर सकते हैं| मार्केट में इस सेब की वैरायटी का रेट भी बहुत ही अच्छा रहता है|
SS3 सेब के पौधों की रोपाई
सेब के पौधों की रोपाई करना समय पर बहुत ही जरूरी होता है और इसके साथ ही इसकी दूरी का भी ध्यान रखना भी जरूरी होता है| SS3 सेब की रोपाई के लिए किसान भाई यह ध्यान रखें की नर्सरी से पौधे खरीदते समय सेब के सभी पौधे स्वस्थ हों उन्हें किसी प्रकार की बीमारी नहीं होनी चाहिए| SS3 सेब की वैरायटी की बुवाई किसान भाई करने के लिए पौधे से पौधे की दुरी 7 से 8 मीटर पौधे तथा कतारो से कतारो के बीच की दूरी 8 से 10 मी रख सकते हैं|
SS3 सेब में उर्वरक और खाद की मात्रा
SS3 सेब में किसान भाई उर्वरक और खाद की मात्रा भी सही डालें जिससे कि इसकी पैदावार अच्छी हो| किसान भाई ध्यान रखें की सेब की बागवानी में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी ना हो| इसके लिए किसान भाई नाइट्रोजन 100 से 150 किलो प्रति एकड़, फास्फोरस अर्थात डीएपी 50 से 100 किलोग्राम प्रति एकड़, पोटाश 100 से 150 किलोग्राम प्रति एकड़, कैल्शियम 40 से 50 किलो प्रति एकड़, जिंक 2 से 5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बागवानी में प्रयोग कर सकते हैं|
सारांश
आपने इस आर्टिकल यह जाना है कि SS3 सेब की वैरायटी(SS3 Apple Variety) कितना कैसी है तथा इसकी बागवानी कितनी ऊंचाई पर किया जा सकता है और इसके लिए अच्छी कौन सी जलवायु और पौधे कितनी दूरी पर लगाना चाहिए| सेब की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है| इसलिए अगर सेब की अच्छी वैरायटी की बुवाई किसान करते हैं तो उन्हें अच्छा प्रोडक्शन मिलता है और उससे अधिक मुनाफा भी होता है|