लहसुन की ये वैरायटी देती हैं बम्पर उत्पादन: जाने कौन सी हैं ये किस्मे जो आपको बुवाई करनी चाहिए

Top 6 Lahsun ki Variety: लहसुन एक ऐसी फसल है जिसकी खेती किसान भाई करना करना मुख्य रूप से पसंद करते हैं क्योंकि यह इसका रेट हमेशा अधिक रहता है| जिसके कारण किसानों को अधिक मुनाफा भी होता है| कुछ किसान लहसुन के बीज का चुनाव अच्छा नहीं कर पाते हैं| जिसके कारण उनकी पैदावार कम होती है और उन्हें कभी-कभी नुकसान भी हो जाता है| लहसुन की खेती भारत के कुछ प्रमुख राज्यों में अधिक तौर पर की जाती है| उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा मुख्य रूप से शामिल है|

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यदि किसान भाई लहसुन की खेती कर रहे हैं और उन्हें अच्छी पैदावार प्राप्त करनी है तो उन्हें लहसुन की अच्छी वैरायटी का चुनाव करना होगा| हम नीचे लहसुन की अच्छी वैरायटी(Top 6 Lahsun ki Variety) के बारे में बता रहे हैं जिसे किसान चुनाव करके अपने खेतो में बुवाई कर सकते हैं और अधिक पैदावार ले सकते हैं| तो चलिए जानते हैं लहसुन की सबसे अच्छी वेबसाइट के बारे में एक-एक करके विस्तार से|

लहसुन की वैरायटी की लिस्ट(Top 6 Lahsun ki variety List)

लहसुन मुख्य रूप से औषधि फसलों में से एक है जो कि हर घर में सब्जियों के रूप में डाला जाता है| इसके विभिन्न प्रकार फायदे होने के कारण से हर व्यक्ति पसंद करता है| इसकी खेती किसान करना पसंद करते हैं क्योंकि इसका भाव हमेशा महंगा रहता है| नीचे कुछ अच्छी लहसुन की वैरायटी के बारे में जानकारी दी गई है जिसे आपको अपने खेतों में बुवाई करना चाहिए| जिससे आपको अधिक पैदावार मिल पाए|

1. यमुना सफेद जी-1

लहसुन की यह वैरायटी के कंद ठोस तथा सफेद रंग की होते हैं| लहसुन के इस वैरायटी के कंद का व्यास 4 से 4.5 सेमी के होते हैं तथा इसके एक कंद में लगभग 25 से 30 कलियां पाई जाती है| लहसुन की इस वैरायटी की पैदावार 150 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| लहसुन की यह वैरायटी 155 से 100 दिन में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है और यह धब्बा एवं झुलसा रोग की प्रति प्रतिरोधी भी होती है|

लहसुन की इस वैरायटी को लंबे समय तक भंडारीत करके रख सकते हैं| यदि किसान लहसुन की अच्छी वैरायटी की बुवाई करना चाहते हैं तो इस वैरायटी के लहसुन की बुवाई कर सकते हैं|

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2. भीमा ओंकार 

लहसुन की इस वैरायटी की खेती किसान भाई आपने खेतों में कर सकते हैं| लहसुन की यह वैरायटी 120 से 135 दिनों में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है| यदि बात करें इसकी उत्पादन की तो इसका उत्पादन 80 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाता है|

लहसुन की यह वैरायटी थ्रिप्स कीट के प्रति भी संवेदनशील होती है। लहसुन की इस वैरायटी का उत्पादन सबसे अधिक गुजरात हरियाणा दिल्ली राजस्थान में किया जाता है| यदि किसान अच्छी वैरायटी के लहसुन की बुवाई करना चाहते हैं तो इसकी बुवाई कर सकते हैं|

3. यमुना सफेद-3 जी-282

यह लहसुन की वैरायटी(Top 6 Lahsun ki Variety) में से एक है जिसकी फलियां सफेद तथा बड़े आकार की होती हैं| इस लहसुन के एक कंद में लगभग 15 से 18 कलियां होती हैं| इस किस्म के लहसुन की खेती किसान भाई अपने खेतों में कर सकते हैं| यह 140 से 150 दिन में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है तथा यह लंबे समय तक भंडारीत की जा सकती है| यदि बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी पैदावार 150 से 175 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है|

4. यमुना सफेद-4 (जी-323)

किसान भाई लहसुन की इस वैरायटी की बुवाई कर सकते हैं| यह सफेद रंग की होती है तथा आकार में बड़े आकार की भी होती है| इसके एक कंद में लगभग 20 से 25 कलियां पाई जाती हैं| लहसुन की यह किस्म 165 से 170 दिन में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाते हैं| जिसके बाद किसान इसे खेतों से निकाल कर सुखाकर मार्केट में भेज सकते हैं| इसकी पैदावार 150 से 160 किवंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है|

5. एग्रीफाउण्ड सफेद (जी-41)

लहसुन की इस वैरायटी की खेती भी किसानों को अपने खेत में जरूर करना चाहिए| यह एक अच्छी उपज देने वाली लहसुन की वैरायटी है| जिसका उत्पादन 125 से 130 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाता है| लहसुन की यह वैरायटी धब्बा एवं झुलसा रोग का प्रतिरोधी भी होता है|

लहसुन की यह वैरायटी के कंद मध्यम आकार के तथा ठोस होते हैं| इस लहसुन की वैरायटी के कंद में 20 से 25 कलियां होती हैं| यदि किसान अच्छी किस्म के लहसुन की बुवाई करना चाहते हैं तो इस वैरायटी को अपने खेतों में लगा सकते हैं|

6. यमुना सफेद-2 (जी-50)

लहसुन की इस वैरायटी को किसान अपने खेतों में बुवाई कर सकते हैं| इस किस्म के लहसुन की गांठे ठोस तथा सफेद रंग का रंग की होती हैं| इस किस्म के पौधे झुलसा रोग के प्रति सहनशील होते हैं| लहसुन की यह वैरायटी 165 से 170 दिन में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है| जिसके बाद किसान इसे खेतों में से निकलकर मार्केट में बेचने के लिए भेज सकते हैं|

यदि बात करें इस किस्म की पैदावार की तो इसकी पैदावार 150 से 160 किवंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| यदि किसान अच्छी वैरायटी की लहसुन की बुवाई करना चाहते हैं तो इसे अपने खेतों में जरूर लगाए|

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लहसुन के बीज का चुनाव करते समय सावधानियां

लहसुन के बीज का चुनाव करते समय किसानों को सावधानी रखना चाहिए| हमेशा ऐसे भी बीजों का चुनाव करना चाहिए जो की स्वस्थ हो उनमें किसी भी प्रकार के रोग ना लगे हो| यदि बीजों सड़े हुए होंगे या फिर रोग लगे होंगे तो उस लहसुन का अंकुरण अच्छा नहीं मिलेगा और उसे पैदावार भी कम हो जाएगी|

निष्कर्ष

किसान यदि लहसुन की खेती करके अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो उन्हें लहसुन की अच्छी वैरायटी(Top 6 Lahsun ki variety)का ही चुनाव करना चाहिए और अपने खेतों में बुवाई करना चाहिए| जिससे कि उन्हें अधिक पैदावार मिल पाए और अभी अधिक मुनाफा भी| ऊपर बताई गई लहसुन की वैरायटी को किसान अपने खेतों में लगा सकते हैं जिससे कि उन्हें अधिक मुनाफा मिलता है और पैदावार भी अच्छी होती हैं|

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