Top 7 Urad ki best Variety: किसान भाई रबी की फसल काटते ही नए-नए प्रकार की खेती करना शुरू कर देते हैं| बहुत से किसान दलहनी फसलों की खेती करते हैं जिनमें से उड़द की दाल की खेती किसान भाई करते हैं| इसकी डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है और इसका रेट भी अच्छा रहता है| इस कारण किसान इसकी खेती करते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं|
किसानों को उड़द की खेती करते समय अच्छे बीज का चयन भी करना चाहिए जिससे कि उन्हें अधिक पैदावार मिल सके अन्यथा अगर बीज अच्छे किस्म के नहीं होंगे तो उससे पैदावार बहुत ही कम होगी और किसानों को उससे नुकसान भी हो सकता है| इसलिए मार्केट में जो भी अच्छी किस्म की बीज हो उसे अपने खेतों में बुवाई करवानी चाहिए|
नीचे हम उड़द की कुछ अच्छी वैरायटी के बारे में बता रहे हैं जिसे आप अपने खेतों में बुवाई कर सकते हैं| जो की अच्छी पैदावार देती हैं और वायरस से भी लड़ने में समय सक्षम है| तो चलिए जानते हैं उड़द की सभी अच्छी वैरायटी के बारे में एक-एक करके विस्तार से|
उड़द की अच्छी वैरायटी की लिस्ट (Top 7 Urad ki best Variety List)
उड़द एक दलहनी फसल है जिसकी खेती मुख्य रूप से भारत के कई राज्यों में किया जाता है| उड़द को प्रदेश मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में अधिकांश तौर पर जाता है| इसकी खेती करना किसान भाइयों के लिए फायदेमंद हो सकता है| निचे अच्छी वैरायटी के बीजों की लिस्ट दिए हैं जिसे आप अपने खेतों में बुवाई करवा सकते हैं|
1. यू पी यू- 0031
उड़द की यह वैरायटी किसानों को खेतों में लगाने के लिए बहुत अच्छी है| इस उड़द के दाने काले और भूरे रंग के होते हैं तथा इसकी पैदावार भी बहुत अच्छी होती है| यह उड़द सम उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में बुवाई के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है| उड़द की यह किस्म 72 से 76 दिनों में पककर तैयार हो जाती है| जिसके बाद इसे आप मार्केट में बेचने के लिए भेज सकते हैं|
उड़द की यह किस्म पीली मौजेक रोग के प्रति सहनशील है| यदि बात करें इस उड़द की पैदावार की तो इसकी पैदावार 14 से 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के दर से हो जाती है|
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2. यू जी- 218
उड़द की यह वैरायटी जल्दी तैयार होने वाली फसलों में से एक है जो कि लगभग 80 से 81 दिनों में पककर तैयार हो जाती है| इसकी खेती किसान भाई सम उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में कर सकते हैं| यह उड़द की वैराइटी भी पीली मौजेक रोग के प्रति प्रतिरोधक होती है| इसकी खेती गर्मी के सीजन में सिंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक की जाती है| यदि बात करें इस उड़द की पैदावार की तो इसकी पैदावार 12 क्विंटल से 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है|
3. जवाहर उड़द- 2
किसानों को अपने खेतों में जरूर इस उड़द को लगाना चाहिए| उड़द की इस वैरायटी की पैदावार 13 से 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| इस किस्म के उड़द के दाने बड़े और काले रंग के होते हैं तथा यह पीतशिरा मौजेक तथा सर्कोस्पोरा परती धब्बा की प्रति सहनशील भी होता है| उड़द की यह किस्म जल्दी तैयार होने वाली फसलों में से एक है| यह 60 से 70 दिन में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है| किसान भाई यदि अच्छी किस्म की वैरायटी उड़द की वैरायटी की बुवाई करना चाहते हैं तो इस उड़द की बुवाई कर सकते हैं|
4. टी पी यू- 4
उड़द की यह वैरायटी किसानों को अपने खेतों में लगाना चाहिए| इस वैरायटी के उड़द की पैदावार 7 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| इस उड़द के दाने बड़े और काले रंग के होते हैं तथा यह मध्यम अवधि में पकने वाली उड़द की वैरायटी में से एक है जो की 70 से 75 दिन के अंदर पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है| जिसके बाद किसान भाई इसे मार्केट मार्केट में बेचने के लिए भेज सकते हैं|
5. कृष्णा
उड़द की इस वैरायटी की बुवाई किस अपने खेतों में कर सकते हैं| यह 90 से 110 दिनों में पककर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है| उड़द की इस वैरायटी के दाने बड़े और भूरे रंगों के होते हैं तथा इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं| यदि बात करें इस उड़द की वैरायटी पैदावार की तो इसकी पैदावार 10 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| उड़द की इस वैरायटी की बुवाई किसान भारी मिट्टी में भी कर सकते हैं|
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6. पूसा- 1
यदि किसान उड़द की अच्छी वैरायटी को अपने खेत में बुवाई करना चाहते हैं तो उन्हें इस उड़द की वैरायटी की बुवाई जरूर करनी चाहिए| उड़द की या वैरायटी 80 से 50 दिन में पूरी तरह से पक कर तैयार हो जाती है जिसे किसान बेचने के लिए मार्केट में भेज सकते हैं| उड़द की यह वैरायटी पीला मोजेक रोग के प्रतिरोधी होती हैं| इस उड़द के बीज काले रंग के होते हैं तथा यदि बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी पैदावार 10 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| यदि किसान अच्छी उड़द की वैरायटी लगाना चाहते हैं तो इसे जरूर लगाए|
7. पन्त यू- 19
उड़द कि यह वैरायटी खरीफ और जायद दोनों समय के लिए सबसे अच्छी है| उड़द की इस वैरायटी की पौधों की ऊंचाई मध्यम होती हैं| यदि बात करें इस उड़द की पैदावार की तो इसकी पैदावार 70 से 10 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से हो जाती है| उड़द के इस वैरायटी की दाने छोटे आकार के तथा काले रंग के होते हैं| यह मध्यम समय में पकने वाली उड़द की वैरायटी में एक है जो की 70 से 75 दिन में पक कर तैयार हो जाती है|
निष्कर्ष
यदि किसान भाई उड़द की खेती से अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं तो उन्हें उड़द की अच्छी वैरायटी के बीज की बुवाई अपने खेतों में करवानी होगी| जिससे कि उन्हें अधिक पैदावार मिल सके और भी अधिक मुनाफा भी बेचकर कमा पाए| ऊपर बताइ उड़द की वैरायटी (Top 7 Urad ki best Variety) में से यदि कोई भी वैरायटी की बुवाई किसान करते हैं तो उन्हें अच्छी पैदावार मिलती है और उन्हें अच्छा मुनाफा भी होता है|