Karela ki Top Variety: करेला की इन 8 वैरायटी की करें खेती मिलेगी तगड़ा पैदावार जाने कौन सी है ये वैरायटी

Karela ki Top Variety: गर्मियों का सीजन आते ही किसान भाई विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती करना शुरू कर देते हैं जिससे कि वह अधिक मुनाफा कमा सके| गर्मियों में मुख्य रूप से लोग भिंडी, करेला, लौकी, कद्दू, तोरई की खेती करते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं| लेकिन किसानों को ध्यान देने वाली बात यह है कि जिस भी सब्जी की खेती किसान करें उसके बीज का चुनाव अच्छी वैरायटी का जरूर करें जिस की पैदावार अच्छी हो|

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now

यदि आप करेला की खेती करना चाह रहे हैं या योजना बना रहे हैं तो आपको करेला की खेती करने से पहले उसकी अच्छी किस्म का बीज का चुनाव जरूर करना चाहिए| जिससे आपको करेला की अधिक उत्पादन हो सके और उसमें बहुत रोग और किट भी बहुत कम ही लगे|

इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि करेला की सबसे अच्छी वैरायटी सी है? जिसे अपने खेतों में लगा सकते हैं| जिससे कि आप करेला की पैदावार अच्छी हो और आप उसे अच्छे रेट पर बेचकर अधिक मुनाफा कम पाए| तो चलिए जानते हैं करेला की सबसे अच्छी वैरायटी के बारे में विस्तार रूप से|

करेला की टॉप वैरायटी की लिस्ट(Karela ki Top Variety List):

करेला भारत के लगभग ज्यादातर राज्यों में उगाया जाता है| मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कुछ अन्य राज्य में भी इसकी खेती की जाती है और किसान करेला की अच्छी पैदावार लेते हैं|

नीचे करेला की सभी टॉप वैरायटी की लिस्ट दी गई है| जिसमें से आप कोई भी करेला की वैरायटी अपने खेतों में लगा सकते हैं जिससे की पैदावार अच्छी होगी|

Syngenta Asmita Bittergourd

सिंजेंटा कंपनी की यह करेले की वैरायटी खेतों में लगाने के लिए बहुत ही अच्छी है क्योंकि अच्छी उपज देती है| करेले की इस वैरायटी के फलों का रंग गहरा हरा होता है और यह चमकीला भी होता है| इस करेले की फलों की लंबाई 30 से 32 सेंटीमीटर तथा इसकी चौड़ाई और से 5 सेमी होती है| इस करेले के फलों का वजन 125 से 140 ग्राम के बीच होता है|

इस करेले को आप खरीफ, रबी और वर्षा तीनों सीजन में लगा सकते हैं| इस वैरायटी के बीज की एक एकड़ में बुवाई के लिए 600 से 700 ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है तथा यह बुवाई के 55 से 60 दोनों के बाद पहले तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है| यदि बात करें इसकी पैदावार की तो 18 से 20 तक प्रति एकड़ की दर से इसका उत्पादन हो जाता है|

सिंजेन्टा विवेरा करेला बीज

सिजेंटा कंपनी की करेले की यह वैरायटी के फलों का रंग गहरा हरा होता है तथा इसके एक फल का वजन 50 से 60 ग्राम के बीच होता है| इस वैरायटी की करेले की लंबाई 12 से 15 सेंटीमीटर होती है तथा इसकी चौड़ाई 4.5 से 5.5 सेंटीमीटर के बीच होती है| करेले की इस वैरायटी की बुवाई खरीफ और ग्रीष्मकल दोनों सीजन में की जा सकती है| इस करेला के बुवाई के 55 से 60 दिनों के बाद पहली तुड़ाई के लिए यह तैयार हो जाता है|

Also read: Top 10 Tamatar ki Variety जो देगी शानदार उत्पादन और तगड़ा मुनाफा!

VNR F1 Hybrid Sunny Bitter Ground Seeds

VNR कंपनी द्वारा बनाई गई करेले की इस वैरायटी के फलों का रंग गहरा हरा और चमकदार होता है| यह एक हाइब्रिड किस्म की करेले की वैरायटी है जो की 50 से 55 दिनों के बाद पहले तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है| इस करेले के फलों का वजन 80 से 100 ग्राम के बीच होता है| करेले की इस वैरायटी के फलों का आकार में लंबाई 12 से 15 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई 3.5 से 4 सेंटीमीटर के बीच होता है| यह वैरायटी पाउडरी फफूंद के प्रति सहनशील है| करेले की इस वैरायटी की एक एकड़ में 800 ग्राम से 1.5 किलो बीज की जरूरत पड़ती है|

पूसा हाइब्रिड 1:

करेला की यह वैरायटी के खेतो में लगाने के लिए बहुत ही अच्छी है| इसकी खेती भारत के उत्तरी मैदाने के क्षेत्र में की जाती है| इस वैरायटी के फल गहरे हरे रंग और चमकदार होते हैं| इस वैरायटी के करेले की खेती किसान भाई वसंत ऋतु वर्षा ऋतु ग्रीष्म ऋतु तीनों मौसम में आसानी से कर सकते हैं| करेले की इस वैरायटी की पहली तुड़ाई इसकी बुवाई के 55 से 60 दिनों के बाद की जा सकती है| यदि आप करेले की अच्छी वैरायटी लगाना चाहते हैं तो आपको इस वैरायटी की बीज की बुवाई अपने खेतों में करना चाहिए|

पूसा हाइब्रिड 2:

करेले की इस किस्म के फलों का रंग हरा होता है| करेले की यह वैरायटी खेतों में लगाने पर अच्छी उपज देती है| इसकी पहली तुड़ाई किसान भाई बुवाई के 50 से 52 दिनों के बाद आसानी से कर सकते हैं| इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा में की जाती है| यदि आप करेले की अच्छी वैरायटी की खेती करना चाहते हैं तो आप इस वैरायटी को अपने खेत में लगा सकते हैं|

पूसा विशेष

करेले की इस वैरायटी के फल गहरे हरे और चमकीले होते हैं तथा इसके फल मोटे भी होते हैं| इसकी खेती भारत के उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में की जा सकती है और इसकी खेती फरवरी से जून माह के बीच कभी भी आप कर सकते हैं|

यदि बात करें इस करेले की वैरायटी की उत्पादन की तो इसका उत्पादन एक एकड़ में लगभग 60 क्विंटल तक पैदावार हो जाता है|

अर्का हरित

करेले की इस वैरायटी की खेती किसान भाई गर्मी और बारिश दोनों मौसम में आसानी से कर सकते हैं| इसके फलों में बीज भी बहुत कम होते हैं| यदि बात करें इसकी उत्पादन की तो इसका 36 से 48 क्विंटल प्रति  एकड़ की दर से हो जाता है| इस किस्म के करेले के फलों का आकार मध्यम आकार का होता है तथा यह हरे रंग के होते हैं| दूसरे करेले के मुकाबले यह थोड़े कम स्वाद में कड़वे होते हैं|

Also read: किसान भाई लगायें Top 10 Bhindi ki sabse acchi Variety: जो बढ़ाएंगी आपकी खेती का मुनाफा!

Bitter Gourd Luca Hybrid

करेले की इस वैरायटी के फलों का रंग हरा होता है तथा इसकी बुवाई किसान भाई जनवरी से अप्रैल महीने के बीच तथा मई से अगस्त महीने के बीच कभी भी कर सकते हैं| यदि बात करें इसकी पहली तुड़ाई की तो इसकी पहली दतुड़ाई किसान भाई 55 से 60 दिनों के बाद कर सकते हैं| यह एक अच्छी उपज देने वाली करेले की वैरायटी है जिसे आप अपने खेत में लगा सकते हैं|

निष्कर्ष

यदि किसान भाई करेले की खेती करके अच्छा मुनाफा खाना कमाना चाहते हैं तो उन्हें ऊपर दिए गए करेले की वैरायटी में से कोई भी वैरायटी के बीज का चुनाव करके अपने खेतों में बुवाई कर सकते हैं| जिससे कि उन्हें अधिक उत्पादन मिलेगा और उससे वे अच्छा पैसा कमा पाएंगे|

Leave a Comment