Matar ki Top Variety: मटर की खेती सब्जियों की खेती में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है क्योंकि मटर का उपयोग कच्चे और सूखे दोनों प्रकार से होता है और किसान दोनों प्रकार के बीज को मार्केट में बेचते हैं| मटर की खेती भारत के लगभग ज्यादातर राज्यों में किया जाता है| इसका उपयोग सबसे अधिक सब्जी बनाने में किया जाता है| इसके विभिन्न प्रकार के फायदे हैं| यह अधिक मुनाफा देने वाली फसल होने के कारण किसान भाई इसकी खेती करना ज्यादा पसंद करते हैं|
यदि इसकी खेती किसान भाई इसकी खेती फरवरी या सितंबर और अक्टूबर की शुरुआत में अगेती किस्म की बुवाई करते हैं तो उन्हें अधिक लाभ होता है| इसके अलावा किसान भाई मार्च के महीने में भी इसकी बुवाई कर सकते हैं क्योंकि उस समय मटर लगभग समाप्त होने वाली होती है| यदि किसान उस समय बुवाई करेंगे तो उन्हें अधिक मुनाफा हो सकता है|
मटर की अधिक उत्पादन के लिए यह जरूरी है कि वह अच्छी वैरायटी के बीज हो जिससे कि अधिक उत्पादन मिल सके| यदि किसान भाई अच्छी वैरायटी के बीज की बुवाई करना चाहते हैं तो नीचे कुछ अच्छी वैरायटी के मटर के बीच की जानकारी दी जा रही है| जिसे किसान भाई अपने खेतों में बुवाई करवा सकते हैं और वह सभी अधिक उत्पादन देती है|
मटर की टॉप वैरायटी की लिस्ट(Matar ki Top Variety List)
मटर की अच्छी पैदावार के लिए अच्छी बीज का होना जरूरी है| नीचे मटर की सबसे अच्छी वैरायटी की लिस्ट दी गई है जिससे किसान भाई अपने खेत में बुवाई करवा सकते हैं| यह सभी अच्छी उत्पादन देने वाली मटर की वैराइटीज है|
काशी उदय
मटर की इस वैरायटी की खेती सबसे अधिक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में किया जाता है| यह एक बहुत ही अच्छी वैरायटी है जिसकी खेती किसान भाई कर सकते हैं| मटर की इस वैरायटी को 2005 में विकसित किया गया था| यदि बात करें इस वैरायटी के मटर के फलियां की लंबाई की तो इस के प्रत्येक फलियां की लंबाई 9 से 10 सेंटीमीटर होती है|
यदि बात करें इसके उत्पादन की तो इसका इस मटर की वैरायटी का उत्पादन 42 कुंतल प्रति एकड़ की दर से किसानों को पैदावार मिल जाती है| मटर की यह वैरायटी की पहली तुड़ाई किसान भाई बुवाई के 60 दिन के बाद कर सकते हैं|
काशी अगेती
मटर की यह वैरायटी जल्दी फल देने वाली मटर में से एक है जो की बुवाई के 50 दिन के बाद पहले तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है| यदि आप मटर की अच्छी वैरायटी की बुवाई करना चाहते हैं तो आप इसकी बुवाई कर सकते हैं| यदि बात करें इस मटर की वैरायटी की उत्पादन की तो इसका उत्पादन 35 से 40 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से हो जाता है| इस वैरायटी के मटर की फलियां सीधी और गहरी हरे रंग की होती है|
आर्केल किस्म
मटर की इस वैरायटी की डिमांड का मार्केट में काफी ज्यादा रहती है| इस वैरायटी के मटर के दाने मीठे होते हैं और यह जल्दी पकने वाली मटर की वैरायटी में से एक है| इसके फलियां की तुड़ाई किसान भाई बुवाई के 60 से 65 दिन के बाद कर सकते हैं| यदि बात करें इसके फलियों की लंबाई की तो इसके प्रत्येक फलीयों की लंबाई 8 से 10 सेंटीमीटर होती है तथा इसके प्रत्येक फलियां में लगभग 5 से 6 दाने जरूर होते हैं|
अर्ली बैजर किस्म
मटर की यह वैरायटी के पौधे छोटे होते हैं तथा इसकी तुड़ाई किसान भाई बुवाई के 50 से 60 दिन के बाद कर सकते हैं| यह एक जल्दी पकने वाली मटर की वैरायटी है और यह एक विदेशी वैरायटी भी है| इसके प्रत्येक फलियां में लगभग 5 से 7 दाने पाए जाते है| इस मटर का उत्पादन की बात करे तो इसका उत्पादन 10 टन प्रति हेक्टेयर किसान पैदावार ले सकते हैं|
काशी नंदिनी
मटर की इस वैरायटी की बुवाई किसान भाई अपने खेतों में कर सकते हैं| इस मटर की बुवाई जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों में अधिक अधिकांश किया जाता है| मटर की इस वैरायटी को 2005 में विकसित किया गया था| यदि बात कर इस मटर की वैरायटी के उत्पादन की थी इसका उत्पादन 44 से 48 क्विंटल/हेक्टेयर की दर से उत्पादन हो जाता है|
काशी मुक्ति
मटर की इस वैरायटी की खेती सबसे अधिक पंजाब, झारखंड, बिहार जैसे राज्य में किया जाता है| मटर की इस वैरायटी का उत्पादन 46 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से हो जाता है| इस वैरायटी के फलियां की डिमांड काफी अधिक रहती है और इसकी डिमांड विदेश में भी रहती है|
इस वैरायटी के मटर के फलियां में फलियों के दाने बड़े साइज के होते हैं और इसकी फलिया भी लंबी होती है| यदि आप अच्छी वैरायटी के मटर की बुवाई करना चाहते हैं जिसका उत्पादन अच्छा हो तो आप इस वैरायटी के मटर की बुवाई अपने खेतों में कर सकते हैं|
पंत मटर 155
मटर की इस वैरायटी की पहली तुड़ाई किसान भाई बुवाई के 55 से 60 दिनों के बाद कर सकते हैं| इस मटर की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें किट और रोगों का प्रकोप बहुत ही कम होता है| इसके अलावा इस मटर पर फफूंद और किट का इसके ऊपर ज्यादा प्रकोप नहीं होता है| यह एक मटर की हाइब्रिड वैरायटी है जिसकी बुवाई किस भाई अपने खेतों में कर सकते हैं|
मटर की खेती से कितनी कमाई हो सकती है?
मटर की खेती से कमाई कई चीजों पर निर्भर करती है जिसमें जलवायु बीज की वैरायटी, मिट्टी की गुणवत्ता, फसल की देखरेख इत्यादि शामिल है| यदि किसान भाई अच्छे से देखभाल करते हैं तो बहुत ही अच्छा उत्पादन होता है| आमतौर पर मटर की उत्पादन एक हेक्टेयर में 18से 35 क्विंटल हो जाता है| 18 से 35 क्विंटल मटर की फलियां जब सूख जाता है तब उत्पादन होता है|
अगर कच्ची फलिया रहती है तो इसका उत्पादन 90 से 150 क्विंटल हो जाता है| अगर किसान मार्केट में ₹20 किलो या फिर ₹30 किलो भी बेचता है तो किसान आराम से एक एकड़ में अच्छा मुनाफा कमा सकता है|
निष्कर्ष
यदि किसान भाई मटर की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो उन्हें मटर की अच्छी वैरायटी की बुवाई करनी होगी| जिससे कि मटर के अंदर किट और रोग का प्रकोप कम हो और उससे उत्पादन अच्छा मिले| जिससे भी अच्छे रेट पर बेच पाए| ऊपर दिए गए सभी मटर की टॉप वैरायटी(Matar ki Top Variety) में से कोई भी मटर की वैरायटी किसान भाई अपने खेतों में लगा सकते हैं जिससे कि उनकी कमाई दोगुनी हो जाएगी|