Palak ki Kheti कब और कैसे करें जाने: कम लागत में बड़ा मुनाफा!

Palak ki Kheti Kab aur Kaise Karen: पालक आज के समय में हमारी हमारी सब्जियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है| देश के लगभग सभी जगह पर इसकी खेती तीनों मौसम में की जाती है| पालक पूरे देश में अलग-अलग जगह पर देसी और हाइब्रिड दोनों प्रकार उगाई जाती है| सबसे ज्यादा उत्पादन होने होने वाली वैरायटी हाइब्रिड होती है| आज के इस आर्टिकल में हम जानेगें की पालक खेती कैसे करें? पालक की खेती के लिए कौन सा किस्में का चुनाव करें और इसकी बुवाई का समय क्या है? तो चलिए जानते हैं पालक की खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी एक-एक करके|

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now

Table of Contents

हाइब्रिड पालक की पत्तियों के सिरे कटे हुए होते हैं। देसी पालक की पत्ती चिकनी छोटी और सीधी होती हैं जबकि हाइब्रिड पालक की पत्तियों के सिर कटे हुए होते हैं| भारत में देसी पालक में दो किस्में पाई जाती हैं जिसमे एक लाल होती है और दूसरी हरा| भारत में हरा पालक खाना सबसे ज्यादा पंसद की जाती है।

हाइब्रिड किस्म वाले पालक की बीज कंटीले और गोल होती है और लोग इसका खेती करने के लिए ज्यादे उपयोग करते हैं|पालक की खेती की सभी जानकारी निचे दी गयी है जिन्हें आप पढ़ सकते हैं|

पालक की खेती के लिए अच्छा मौसम(Palak ki kheti ke liye achha Mausam)

भारत में हरी और पत्तेदार सब्जियों में पालक का उपयोग सबसे ज्यादे किया जाता है| इसकी अधिक उत्पादन करने के लिए ठंडी जलवायु की जरूरत होती है| ठंडी के समय में इसकी डिमांड सबसे ज्यादे होती है और उस समय पैदवार भी ज्यादे होती है लेकिन जब गर्मी का मौसम आता है तो इसकी पैदावार बिलकुल कम हो जाती है|अगर आप अच्छा उत्पादन लेना चाहते है तो आप ठंडी के मौसम में इसकी खेती करे| जिससे उत्पादन अच्छा हो और आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सके|

पालक की खेती के लिए मिट्टी

वैसे तो इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जाती है लेकिन बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है| आप पालक की खेती करने के लिए ऐसे खेत का चुनाव करे जो समतल हो और उसमें जल निकास की सुविधा भी अच्छी हो क्योंकि अगर जल निकास के सुविधा नहीं होगी तो खेत में पानी रुकने से पालक खराब हो सकता है| इसलिए आप बलुई दोमट मिट्टी का चयन करें जिसका पीएच मान 6.0 से 6.7 के बीच हो|

पालक की खेती के लिए खेत की तैयारी(Palak ki kheti ki taiyari kaise kare)

पालक की बुवाई से पहले आपको खेत को अच्छे तरीके से तैयार करना चाहिए| खेत तैयार करने करने के लिए आप खेत की 2 से 3 बार अच्छे से जुताई कर ले जिससे वो भुरभुरी हो जाये| खेत की जुताई करने के लिए आपको रोटावेटर या फिर कल्टीवेटर का उपयोग करना चाहिए जिससे मिट्टी एकदम भुरभुरी हो जाती है| इसके अलावा जुताई करने के बाद खेत से सभी खरपतवार को निकाल दें|

यदि आप अच्छी पैदावार लेना चाहते खेत में 35 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की खाद को पूरे खेत में फैला दें| गोबर की सड़ी खाद में आप निम की पत्तियां 1 क्विंटल या निम की खालिया भी मिला सकते हैं जिससे जमीं के अंदर के कीड़े मर जाये और बीज को कोई नुकसान न हो और वे अच्छे से अंकुरित हो जाये| इस प्रकार से आप खेत की अच्छे से तयारी कर सकते हैं|

Also read: Bhindi Ki Kheti: कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा, जानिए कैसे करें शुरुआत!

पालक की खेती के लिए अच्छी किस्में ( Palak ki Kheti ke liye Top varieties)

पालक की खेती से अगर आप अधिक उत्पादन चाहते हैं तो आपको अपने क्षेत्र और जलवायु के आधार पर बीजों का चयन करना चाहिए| पालक की कुछ प्रमुख किस्मे निचे दी गयी है जो सबसे अधिक बोई जाती है और अधिक उत्पादन मिलता है|

ऑल ग्रीन: यह किस्म किसानो के बिच में काफी प्रसिद्ध है| इस किस्म के पालक की पतियाँ एक बराबर, मुलायम होती है जो की हर 20 दिन के बाद कटाई करने के लिए तैयार हो जाती हैं| यह बेहतर उत्पादन देने वाली किस्म है जिसकी बुवाई सर्दी के मौसम में की जाती है और ढाई महीने के बाद इसमें फुल और डंठल बनने लगता है| इस पालक की आप 6 से 7 बार आराम से कटाई कर सकते हैं।

पूसा पालक: यह पालक भी एक बराबर हरे पते वाली होती है और यह भी एक हाइब्रिड किस्म है| जिसमे जल्दी से फुल और डंठल बनने की समस्या नही आती है तो आप इसका चुनाव बुवाई के लिए कर सकते हैं|

पूसा हरित: यह पालक मुख्य रूप से पहाड़ी वाले क्षेत्रो में सबसे ज्यादा उगाया जाता है| ये पौधे गहरे हरे रंग और बड़े आकार के होते हैं जिसकी आप कई बार कटाई कर सकते हैं| इस पालक में भी डंठल बनने में देर लगती हैं जिससे यह एक अच्छा किस्म है| यह सभी प्रकार की जलवायु वाले क्षेत्रों में उगाया जा सकते है|

बॉमबे पालक: पालक का यह किस्म विशेष कर महाराष्ट्र की और उसके आसपास के क्षेत्र में बोया जाता है| जिसकी पत्तियां मोती और खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है आप इस पलक को भी लगा सकते हैं|

वृंदावन: पालक का यह किस मुख्य रूप से शीतकाल इन के समय लगाया जाता है जिसकी पत्तियां बहुत ही गहरी हरि रंग की होती हैं| यदि आप दिसंबर जनवरी में खेती कर रहे हैं तो आप इस बालक को लगा सकते हैं|

पूसा ज्योति: यह पालक की सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाली किम है जो की बहुत ही जल्दी बढ़ती है और यहां पलक अच्छी गुणवत्ता वाली भी होती है| जिसे आप अपने खेतों में लगा सकते हैं|

हिसार सलेक्शन 23: इस पालक की पत्तियां गहरे हरे हरे रंग की बड़ी और मुलायम होती हैं| इसके साथ ही यह बहुत ही कम समय में तैयार हो जाती हैं| आप इस पलक को भी अपने खेतों में लगा सकते हैं| इसकी पहली कटाई आप 30 दिनों के बाद शुरू कर सकते हैं और इसमें आप लगभग 6 से 8 कटाई आराम से 15 दिन के अंतर पर कर सकते हैं|

पालक की खेती के लिए बुवाई का समय(Palak ki kheti kab kare)

ज्यादातर पालक की खेती किसानों द्वारा पूरे साल की जाती है लेकिन यदि आप अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं और कम लागत में पालक की खेती करना चाहते हैं तो आपको नवंबर महीने से लेकर फरवरी, मार्च महीने के बीच में इसकी खेती करनी चाहिए| इस समय इसकी पैदावार ज्यादा होती है और इसमें कीड़े भी नहीं लगते हैं| जिससे आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं|

पालक की कुछ किस्म जो हाइब्रिड है उनकी खेती आप जुलाई अगस्त में भी कर सकते हैं लेकिन उसे समय कीड़े लग जाते हैं| जिससे पैदावार कम होती है लेकिन इसके साथ ही रेट अधिक होने के कारण लोग इस समय भी खेती करते हैं|

पालक के लिए बीज की मात्रा और बुआई

पालक की खेती के लिए आपको अच्छे बीज का चयन करना चाहिए| यदि आप उन्नत प्रजातियों के बीच लेते हैं तो आपको 25 से 30 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई करनी चाहिए| बुवाई करने के समय यह आपको ध्यान रखना चाहिए कि खेतों में नमी होना बहुत जरूरी है नहीं तो बीज अंकुरित नहीं होते हैं|

इसके अलावा आप पलक के बीज को पंक्तियों में बुवाई कर सकते हैं जिससे आपको उसकी कटाई करने में आसानी हो या फिर आप चाहे तो छिड़काव करके भी बुवाई कर सकते हैं| अगर आप पंक्ति में पालक की खेती कर रहे हैं तो आप पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी जरूर रखनी चाहिए|

Also read: जाने Top 5 Kheti ke Liye Sabse Achcha Tractor: जो है हर किसान की पहली पसंद!

पालक की खेती में खाद और उर्वरक कितना डालें? 

यदि आप Palak ki Kheti कर रहे हैं तो आपको 30 टन गोबर की सड़ी हुई खाद को प्रति हेक्टेयर की दर से खेतों में छिड़काव करना चाहिए| उसके बाद से उसकी जुताई अच्छे से कर देनी चाहिए| गोबर की खाद में आप एक क्विंटल नीम की पत्तियों को भी मिला सकते हैं जिससे जमीन के अंदर के कीड़े मर जाएं और बीज को कोई नुकसान ना हो|

यदि आप रासायनिक उर्वरक का छिड़काव करते हैं तो यह ध्यान रखें कि जब भी आप की पालक थोड़ी बढ़ जाए और उसके बाद से यदि आप छिड़काव करते हैं तो उसके बाद आपको सिंचाई जरूर कर देनी चाहिए| जिसे सभी पोषक तत्व पौधे ग्रहण कर ले| यह भी ध्यान रखें कि आप जब भी पालक की फसल की कटाई करते हैं तो उसके बाद आपको थोड़ी उर्वरक डाल देनी चाहिए| जिससे पलक तेजी से बढे और आप फिर कटाई कर सके|

पालक की खेती में सिंचाई की व्यवस्था

यदि आप Palak ki kheti पंक्ति में करते हैं तो आपके लिए सिंचाई करना बहुत ही आसान रहेगा| जब भी आपकी बीच अंकुरित हो जाए उसके 10 दिन के बाद आपको एक बार हलकी सिंचाई जरूर कर देनी चाहिए|

यदि आप ठंडी के मौसम में पालक की बुवाई कर रहे हैं तो आपको तीन से चार दिन के बाद एक बार हल्की सिंचाई जरूर कर देनी चाहिए और यह ध्यान रहे की पलक की खेती में आप अपनी बिल्कुल भी ना लगे नहीं तो फसल खराब हो सकती है| यदि आपके पास फव्वारे से सिंचाई करने वाली सुविधा उपलब्ध है तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छा है इससे आप सिंचाई आसानी से कर सकते हैं|

पालक की खेती में खरपतवार का नियंत्रण कैसे करें?

यदि आप पालक की खेती कर रहे हैं तो आप उसमें बहुत सारे खरपतवार को उगते हुए भी देखेंगे| जिन्हें आपको फिर भी और कुदाल के माध्यम से निकाल देना चाहिए| जिससे आपके फसल की ग्रोथ तेजी से हो| यदि आप गर्मी में इसकी खेती कर रहे हैं तो आपको ज्यादे खरपतवार खेतों में दिखेंगे जिसे आपको हर सिंचाई के बाद निराई गुड़ाई करके निकाल देनी चाहिए| इससे फसल की उपज बहुत अच्छी होती है|

पालक की खेती में रोग और किट का नियंत्रण कैसे करें?

यदि आप ठंडी के समय में पालक की खेती करते है तो आपको ज्यादा कीड़े देखने को नहीं मिलते हैं उसमें बिना दबा के छिड़काव के भी काम चल सकता है| लेकिन यदि आप गर्मी में इसकी खेती करते हैं तो आपको बहुत सारे गीत जैसे कि महू, कैटरपिलर, बीटल जैसे किट देखने को मिलते हैं| जिसे आपको नियंत्रित करने के लिए नीम की पत्तियां का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं| इससे आपके पैसे की बचत होती है|

पालक की कटाई

जब आप पालक की खेती करते हैं तो आपके बीच के बोने से 20 से 25 दिन के बाद पालक पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है| इसके बाद आप हर 10 से 15 दिन की अंतराल पर 6 से 7 कटाई आराम से कर सकते हैं| पालक की फसल से पैदावार कितनी होती है| यदि आप पलक की खेती अच्छे से कर रहे हैं सही देखरेख कर रहे हैं तो आप पालक की फसल से 100 से 125 क्विंटल हरि पलक प्रति हैक्टर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं|

निष्कर्ष

पालक की खेती(Palak ki Kheti) करना एक अच्छा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है जो की बहुत ही कम लागत में बहुत ही अच्छा मुनाफा देता है| इसके साथ ही हम बहुत ही कम समय में हो जाता है और इसमें बहुत ही काम उर्वरक और खरपतवार तथा किट नियंत्रण की जरूरत पड़ती है| जिससे आपकी फसल की उपज भी ज्यादा होती हैं| सर्दियों के समय में यदि आप खेती करते हैं तो इसकी डिमांड बहुत ही ज्यादा रहती है और अच्छा पैसा कमा सकते हैं|

FAQ

Q1-पालक की खेती के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?

उत्तर- पालक की खेती करने के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर महीने से लेकर मार्च महीने के बीच में होता है|

Q2-पालक की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी कौन सी है?

उत्तर- पालक की खेती करने के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है|

Q3-पालक की प्रमुख किस में कौन-कौन सी हैं?

उत्तर- पालक की प्रमुख किस्मों में पूसा हरित, पूसा ज्योति, आल ग्रीन कुछ प्रमुख किस्म है जिन्हें आप लगा सकते हैं|

Q4- पालक की कटाई कितने दिन में की जाती है?

उत्तर- पालक की पहली कटाई आप 30 से 35 दिन के बाद आसानी से कर सकते हैं|

Leave a Comment