Phool Gobhi ki Kheti: भारत में खाई जाने वाली सबसे अच्छी सब्जियों में से एक है जिसको भारत एक बड़े क्षेत्र में उगाया जाता है| उत्तर प्रदेश में इसका उत्पादन इसका उत्पादन सबसे ज्यादा किया जाता है| ठंडी के मौसम में इसका डिमांड और भी ज्यादा बढ़ जाता है और लोग खाना ज्यादा पसंद करते हैं| आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे गोभी की खेती कैसे करें? गोभी की खेती की तैयारी कैसे करें तथा फूलगोभी की बुवाई किस समय करनी चाहिए और उसकी देखरेख कैसे करनी होती है सब कुछ जानकारी मिलेगी|
वर्तमान समय में फूलगोभी भारत के सभी राज्यों में उगाया जाता है| खास कर जब सर्दी का मौसम आता है तो सबसे ज्यादा फुलगोभी ही देखने को मिलता है| फुलगोभी की भी अलग-अलग रंग होती है जिसमें बैगनी, सफेद, पिंक और भी रंग की फुलगोभी अब उगाया जाने लगा है|
यदि आप एक किसान है और कम समय में कम लागत में एक अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं फूलगोभी की खेती करना आपके लिए एक लाभदायक खेती बन सकता है| क्योंकि इसमें बहुत ही काम देखरेख और कम खाद सिंचाई की जरूरत होती है जिसके कारण यह कम लागत में अच्छा मुनाफा देता है| फूल गोभी की खेती से संबंधित सभी जानकारी नीचे दी गई है| जिन्हें आप पढ़ सकते हैं और खेती कर सकते हैं|
फूलगोभी की खेती के लिए अच्छा मौसम (Phool Gobhi ki Kheti ke liye achha mausam)
फूल गोभी की अच्छी उपज खेती के लिए ठन्डे जलवायु की आवश्यकता होती है| गोभी को ज्यादातर ठंडियों में अधिक संख्या में उगाया जाता है| फूलगोभी की खेती के लिए 15 से 20 डिग्री तापमान सबसे अच्छा होता है| अधिक ठंडा और पाला गिरने से फूलगोभी को नुकसान भी हो सकता है| इसलिए आप समय समय पर सिचाईं करते रहें जिससे पाला का प्रकोप न हो|
पाला का प्रकोप हो जाने से फूलगोभी का आकार छोटा हो जाता है| गर्मी के मौसम अच्छे से इसकी पैदावार कम होती है| यदि आपको आपको अच्छा मुनाफा कमाई कामना है तो आप ठंडी के सीजन में इसकी खेती करें|
फूलगोभी की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव
Phool Gobhi ki Kheti के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है| आपको दोमट मिट्टी में ही खेती करनी चाहिए जिससे कम लागत में अच्छी पैदावार हो| अगर आप पछेती किस्म की खेती कर रहें तो आपको चिकनी मिट्टी या दोमट मिट्टी में करनी चाहिए| आपको ऐसे खेत का चयन करना चाहिए जिसमे की पानी के निकलने की पूरी सुबिधा हो नही तो पानी खेत में लग जाने से फूलगोभी की फसल ख़राब हो सकती है|
इसके अलावा ऐसे खेत में फुलगोभी लगाना चाहिए जिसका ph मान 5.5 से 6.8 के बिच में हो और उसमे जीवाश्म भी हो| जिससे फुलगोभी की ग्रोथ अच्छी हो और पैदावार भी अच्छी हो|
फूलगोभी की खेती के लिए खेत की तैयारी कैसे करें?(Phool Gobhi ki kheti ke liye khet ki taiyari kaise kare)
यदि आप फूलगोभी की खेती करना चाहते हैं तो आपको खेत की पहले 2 से 3 बार खेत की जुताई अच्छे से कर लेनी चाहिए जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाये| आपको खेत की जुताई के लिए कल्टीवेटर और रोटावेटर का उपयोग करना चाहिए क्योकि इससे जमीन बहुत भुरभुरी हो जाती है| जुताई के बाद यह भी ध्यान रखें की खरपतवार न हो| उस खेत से सभी खरपतवार बाहर निकल दे|
इसके बाद खेत में सडी हुई गोबर की खाद को पुरे खेत में फैला दे| आप गोबर में निम की पत्तियाँ भी मिला सकते हैं| जिससे जमीं के अंदर के कीड़े मर जाएँ और पौधे को कोई नुकसान न हो| इसके बाद आप फिर जुताई करके समतल करने के लिए पाटा लगा दे|
फूलगोभी की खेती के लिए उन्नत किस्में की लिस्ट(Phool Gobhi ki Kheti ke liye Top Varities)
वर्तमान समय में भारत में फूलगोभी के कई उन्नत किस्मे आ गयी हैं जिन्हें आप साल में कभी भी लगा सकते हैं| मौसम के आधार पर आप फुलगोभी के किस्मो का चुनाव कर सकते हैं|
- फूलगोभी की अगेती किस्में: पूसा, दीपाली, समर किंग, अर्ली, और कुआंरी इत्यादि|
- फूलगोभी की मध्यम किस्में: पूसा अगहनी, पूसा स्नोबाल, पंत सुभ्रा, पूसा सिन्थेटिक इत्यदि है|
- फूलगोभी की पछेती किस्में: पूसा स्नोबाल-16, पूसा स्नोबाल-2, पूसा स्नोबाल-1
फुलगोभी की बीज की मात्रा और बीज का उपचार
फुलगोभी की बुवाई करने से पहले आपको बीज का उपचार जरूर करना चाहिए| यह भी ध्यान रहे की बीज उन्नत किस्म की हो| सबसे पहले आपके बीज की उपचार करने के बाद नर्सरी के लिए आप छोटे से एरिया में नर्सरी डाल दें| Ageti Phool Gobhi ki Kheti और बुवाई के लिए 500 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है और पछेती किस्म के लिए 350 से 400 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है| बीज की नर्सरी डालने के बाद से 20 से 25 दिन बाद आप इसकी बुवाई कर सकते हैं|
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फुलगोभी की बीजों की बुवाई का समय और तरीका(Phool Gobhi ki Kheti kab karen)
फूलगोभी की अगेती किस्मों की बुवाई मई और जून के माह में की जाती है जिससे यह सही समय पर तैयार हो जाये और अच्छा मुनाफा देकर जाये| यदि आप पछेती किस्मों की बुवाई करना चाहते है तो इसकी बुवाई अक्टूबर महीने से लेकर नवंबर महीने की बिच में करनी चाहिए है और मध्यम किस्मो की बुवाई जुलाई से अगस्त के महिने की बिच में करनी चाहिए|
इसकी खेती के लिए आपको नर्सरी में पौधे तैयार कर लेना होता है| उसके बाद खेत में आप क्यारी बनाकर पौधे की बुवाई कर सकते हैं|
नर्सरी की तैयरी के लिए आप थोड़े से खेत में वर्मी कम्पोस्ट खाद डालकर उसमें उपचारित बीज को डाल दे और बारिश से बचने के लिए उसके उपर छपर की भी व्यवस्था जरुर कर दे| जिससे बीज अच्छे से अंकुरित हो जाये और कोई दिक्कत न हो|
फूलगोभी के पौधों की खेत में रोपाई कैसे करें?
फूलगोभी की रोपाई खेत में आप क्यारी बनाकर कर सकते हैं जिससे की सिचाई करने और खाद डालने आसानी हो| आप अगेती किस्म की रोपाई जून से जुलाई के महीने में करें| वहीं आप पछेती किस्म की बुवाई नवंबर के महीने में करे| क्यारी में आप पौधे से पौधे की दुरी 45 से 60 सेमी रखनी चहिये और कतार से कतार की दुरी 45 सेंटीमीटर रखनी चहिये| इस प्रकार आप पौधे की रोपाई कर सकते हैं|
फूलगोभी की खेती में कितनी मात्रा में खाद का इस्तेमाल करें?
यदि आप फूलगोभी की अच्छी उपज लेना चाहते हैं तो आपको प्रति हेक्टेयर 40 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी चहिये और जुताई करनी चहिये| इसके अलावा आप रासायनिक उर्वरक भी अपने खेतो में डाल सकते हैं|
फूलगोभी की रोपाई के चार सप्ताह बाद आपको रासायनिक उर्वरक खेतो में डालना चहिये जिससे पौधे की ग्रोथ अच्छे तरीके से हो| इसके अलावा आपको समय समय पर सिचाई भी करती रहनी चाहिए|
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फूलगोभी की खेती की सिंचाई
फूल गोभी के पौधों को अच्छे से बढने के लिए ज्यादे नमी की आवश्यकता होती है| इसलिए आप इसकी सिचाई भी जरुर करते रहें| खेत में आप पौधे की रोपाई के बाद सिचाई जरुर कर दे| ठंडी के समय में आपको 15 दिन अन्तराल पर इसकी सिचाई जरुर करते रहना चाहिए जिससे की फूलगोभी पर पाला का प्रकोप न हो|
फूल गोभी के पौधों में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?
फूल गोभी की खेती में खरपतवार नियंत्रण करना भी जरूरी होता है| आपको इसमें हर 15 दिन के अंदर एक बार निराई-गुड़ाई जरूर करनी चाहिए| इसके अलावा आप जब भी सिंचाई करें तो आप खेत से खरपतवार जरूर निकले इससे उपज भी अच्छी होती है|
यदि आपके खेत में खरपतवार रहेगा तो उसे उससे किट भी खेतों में ज्यादा लगते हैं और पौधे की वृद्धि रुक जाती है| इसके इसलिए आप खेत की निराई गुड़ाई समय-समय पर करते रहें| जब पौधे बड़े हो जाए तो आप पौधे पौधे की जड़ों को ढकने के लिए उसे पर मिट्टी को चढ़ा दें| जिससे पौधे की जड़ मजबूत हो जाएगी और बारिश या फिर हवा में पौधे खराब नहीं होंगे|
फूलगोभी की खेती में किट का नियन्त्रण कैसे करे?
फूलगोभी में कई प्रकार के किट लगते हैं जैसे की माहू, केटरपिलर इत्यादि जो फुलगोभी की फसल को खराब कर देते हैं इसलिए इसका नियन्त्रण बहुत ही जरूरी है| इसके नियन्त्रण के लिए आप निम् की पत्तियों का अर्क निकल कर उसका फुलगोभी की पत्तियों पर छिडकाव करें जिससे सभी किट मर जाएँ|
निष्कर्ष
यदि आप एक अच्छी और लाभकारी खेती करना चाहते हैं तो आपको फुलगोभी की खेती( Phool Gobhi ki Kheti )जरूर करनी चाहिए क्योंकि यह कम समय में और कम लागत में अच्छा मुनाफा देता है| गोभी की खेती आप अपने समय के अनुसार अगेती व पछेती एवं मध्यकालीन किसी भी समय कर सकते हैं|
यदि आप खेती से संबंधित और भी अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं| जिससे आपको सभी खेती से संबंधित योजनाओं और जानकारी प्राप्त होती रहे|
FAQ
Q1-गोभी की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
उत्तर- फूलगोभी की पूसा स्नोवॉल सबसे अच्छी किस्मों में से एक है|
Q2-फूलगोभी कितने दिन में तैयार हो जाती है?
उत्तर- फूलगोभी लगभग 110 से 120 दिनों के अंदर कटाई के लिए तैयार हो जाती है|
Q3-फूलगोभी के बीज की कीमत कितनी होती है?
उत्तर- फूलगोभी के बीज आपको बाज़ार में 250 रुपए प्रति 10 ग्राम से लेकर 1000 रुपए तक मिल जायेंगे|